अहिंसा दर्शन में ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान

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अहिंसा दर्शन में ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान

उधना।
मुनि कुलदीप कुमार जी के सान्निध्य में भगवान महावीर के अहिंसा दर्शन में ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। तेरापंथी सभा, उधना द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में मुनि मुकुल कुमार जी ने जैन आगमों में उल्लिखित शास्त्रीय प्रमाण के साथ वास्तु विज्ञान पर विशेष मार्गदर्शन दिया। मुनि कुलदीप कुमार जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण के साथ कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। मुनि मुकुल कुमार जी ने कहा कि भगवान महावीर का दर्शन अहिंसा दर्शन है। भगवान महावीर की वाणी 32 आगमों में मूल रूप से सुरक्षित है। केवल भगवान महावीर ही नहीं जैन परंपरा के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की वाणी में भी वास्तु विज्ञान के अनेक सूत्र मिलते हैं। वास्तु विज्ञान को समझने के लिए अहिंसा दर्शन को समझना जरूरी है और अहिंसा दर्शन को समझने के लिए जीव-अजीव, पुण्य एवं पाप आदि नौ तत्त्वों को समझना जरूरी है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि जैन दर्शन के अनुसार पानी की एक बूँद में असंख्य जीव होते हैं। जो पानी को दुर्व्यय करता है वह जल तत्त्व का दुर्व्यय करता है। असंख्य जीवों की हिंसा और विराधना करता है। जल तत्त्व का दुर्व्यय करने वाले का चंद्रमा कभी ठीक नहीं रहता। जल तत्त्व का दुर्व्यय करने वाला स्वतः ही अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है। उसके जीवन में सफलता हमेशा दूरी बनाए रखती है और उसे जीवन में विविध संकटों का सामना भी करना पड़ता है। जो जीवनचर्या में संयम का अनुपालन करता है उसे कदम-कदम पर सफलता मिलती रहती है।
वास्तु विद्या के अनेक सूत्र बताते हुए मुनिश्री ने कहा कि जब आप हस्ताक्षर करते हैं तो दूसरों की नहीं स्वयं की पेन या कलम के द्वारा करें। जब प्रातःकाल उठें तो दाहिनी और करवट बदल के उठना चाहिए। सोते वक्त बेडरूम के चारों कोनों में खड़े रहकर पाँच-पाँच बार नमस्कार महामंत्र का उच्चारण करना चाहिए। शय्या पर बैठकर कभी सब्जी को काटना या सुधारना नहीं चाहिए। मुनिश्री ने कहा कि दुकान या मकान के बाहर कभी कीचड़ नहीं होना चाहिए। कीचड़ में असंख्य जीव-जंतु पैदा होते हैं। उससे हिंसा होती है और यह हिंसा अशांति और जीवन में ह्रास का कारण बनती है। मुनिश्री ने संकट निवारण के लिए अनेक सूत्र एवं मंत्र बताए। तेरापंथी सभा, उधना के अध्यक्ष बसंतीलाल नाहर ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम के समायोजन करने का अवसर मिलना अपने आपमें सौभाग्य बताया। कार्यक्रम का संचालन उधना सभा उपाध्यक्ष मुकेश बाबेल ने किया। मंगलाचरण में तेममं ने मंगल गीत का संगान किया। तेयुप, तेममं के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।