पंचदिवसीय वीतराग पथ कार्यशाला
यशवंतपुर।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में ‘वीतराग पथ कार्यशाला’ का पंचदिवसीय आयोजन तेरापंथ भवन, यशवंतपुर में साध्वी लावण्यश्री जी ठाणा ३ के सानिध्य में तेयुप यशवंतपुर द्वारा िकया गया। प्रथम दिवस पर ‘ज्ञानाचार’ के संबंध में साध्वी वृंद ने ज्ञानार्जन के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी और तत्त्वज्ञान से अवगत करवाया। ज्ञान के महत्व को समझाते हुए साध्वीश्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल ज्ञान प्राप्ति का होना चाहिए। द्वितीय दिवस ‘दर्शनाचार’ विषय पर आयोजित किया गया। साध्वीश्री जी ने दर्शन के अतिचारों को समझाया। उन्होंने कहा कि श्रावक पहले स्वयं अपने आप का दर्शन करे। नंदन मणिहारे के दृष्टांत के माध्यम से साध्वी श्री ने समझाया कि मिथ्यात्व के कारण किस तरह मनुष्य उच्च गति से नीच गति को प्राप्त करता है।
तृतीय दिवस में ‘चारित्राचार’ के बारे में बताते हुए साध्वीश्री ने कहा कि श्रावक अगर जागरूक रहे तो अनावश्यक हिंसा से बच सकता है। चारित्र के कई अर्थ हो सकते हैं जिसमें एक अर्थ संयम है। भगवान महावीर ने उत्तराध्ययन मे बताया है कि दर्शन संपन्नता से जीव सम्यक्त्व को प्राप्त करता है।
सम्यक्त्वी जीव आरोहण करता है इसके विपरीत मिथ्यात्वी अवरोहण को प्राप्त होता है। चतुर्थ दिवस पर ‘तपाचार’ के संदर्भ में साध्वीश्री ने छोटे-मोटे तप करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि छोटे-छोटे नियम या छोटे-छोटे तप से भी कर्मनिर्जरा हो सकती है। उन्होंने बताया कि भगवान महावीर जब तप करते थे तो अधिकांश समय ध्यान में रहते थे। पंचम और अंतिम दिन ‘वीर्याचार’ िवषय पर आयोजित किया गया। पाँचों दिवस तेरापंथ युवक परिषद के सदस्य और संपूर्ण श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही। तेरापंथ महिला मंडल और तेरापंथ सभा के सदस्यों का भी संपूर्ण सहयोग रहा। प्रथम दिवस तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष जिगर मारू ने सब का स्वागत किया। महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुित हुई।
अंतिम दिन तेरापंथ सभा के अध्यक्ष गौतम मुथा, मंत्री महावीर ओसवाल, गांधीनगर सभा ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश बाबेल, महिला मंडल अध्यक्षा मीना दक, अभातेयुप से विनोद मुथा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ युवक परिषद यशवंतपुर के मंत्री महावीर गन्ना ने सभी का आभार ज्ञापन किया।