शुद्ध व सही खान-पान से स्वस्थ शरीर का होता है।
बीदासर।
समाधि केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कार्तिकयशा जी के सान्निध्य में ‘कैंसर जागरूकता अभियान’ व ‘मिलेट्स का उपयोग’ एवं घरेलू नुस्खों द्वारा बीमारियों से बचाव कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई जिसमें मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। मुख्य वक्ता महिला म ंडल के विविध आयोजन डाॅ0 सारिका गिड़िया ने बताया कि कैसे जागरूक रहकर योग, ध्यान, व्यायाम करके एवं घरेलू नुस्खों द्वारा बीमारियों से लड़ा जा सकता है। पैकेट के खाने का सेवन बंद हो और शुद्ध खान-पान द्वारा स्वस्थ रहा जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि मिलेट्स का उपयोग कितना जरूरी है। किस मात्रा में कितना, कब व कैसे खाना यह भी बताया। कैंसर जैसीमहामारी से कैसे व किन उपायों द्वारा बचा जा सकता है, इस पर भी जानकारी दी गई।
शासनश्री साध्वी अमितप्रभा जी ने बताया कि भगवान महावीर कितने बड़े वैज्ञानिक थे, जिन्होंने हजारों वर्ष पहले बता दिया था कि स्वस्थ कैसे रहा जा सकता है। आहार संयम कितना आवश्यक है। जैन धर्म में सोने और जागने के भी नियम हैं, ताकि शरीर स्वस्थ बना रहे। केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कार्तिकयशा जी ने बताया कि शरीर धर्म साधना का साधन है, इसलिए स्वस्थ शरीर का होना अति आवश्यक है ताकि धार्मिक चेतना से जुड़ाव हो। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ महिला मंडल मंत्री भावना दुगड़ ने किया।