हर आकार आपमें साकार
प्रत्येक आकृति, अक्षर, ध्वनि और प्रत्येक वर्ण का अपना प्रभाव होता है। रहस्य जगत् में यंत्र, तंत्र, मंत्र का अलौकिक एवं अचिन्त्य प्रभाव देखने को मिलता है। यंत्र एक आकृति विशेष ही है, प्रत्येक आकार अपने भीतर रहस्यों को समेटे हुए हैं। हर आकृति अव्यक्त संदेश देती है। जब रेखागणित का अध्ययन करते हैं तब अनेक आकृतियां हमारे समक्ष आती हैं। उस हर आकार का साध्वी प्रमुखाश्रीजी में साकार रूप देखते हैं।
सबसे सरल एवं प्राथमिक आकार है- सरल रेखा (–)
दो छोर से बंधी यह आकृति ऋजुता का प्रतीक है। न कहीं टेढ़ापन, न झुकाव, न मुड़ाव। आपके जीवन में ऋजुता का साकार दर्शन होता है। जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव में आपकी मन:स्थितियों से अप्रभावित चेतना पूर्ण स्थिर बन रेखा सदृश हो जाती है।
रेखागणित की प्रसिद्ध आकृति है- त्रिभुज (r)
तीन रेखाएं जिसकी समान हो, न कोई बड़ी न कोई छोटी आपके जीवन की साधना को प्रतापी एवं प्रभावी बना रही है। त्रिभुज में कोई भी कोण ऊपर रहे, वही मुख्य प्रतीत होता है वैसे ही आप में भी ज्ञान भक्ति एवं कर्म योग उत्कृष्टता लिए प्रतीत होता है।
एक ऐसी आकृति जिसका न आदि है न अन्त, वो है वलयाकार () यह एक ऐसा चक्र होता है जिसका ओर व छोर अज्ञात होता है, कहीं से भी खंडित व त्रुटित नहीं होता। आपकी नेतृत्व कुशलता, अनुशासननिष्ठा का चक्र अभेद्य, अछेद्य है। आपकी आन्तरिक उज्जवलता, आभामंडलीय ऊर्जा का एवं अमाप्य उत्साह के वलय का भी ओर-छोर नहीं है।
बहुआयामी कोण का धारक आकार है- सितारा ()
स्टार आकार बहुआयामी व्यक्तित्व को दर्शाता है। उसके अनेक कोण सौंदर्य वर्धक होते हैं, वैसे ही आपकी करुणा, विनम्रता, उदारता, सहिष्णुता, गुणग्राहकता एवं समय प्रबंधन आदि आपके जीवन को स्टारमय बना रहे है। A.C., मशीन आदि पर लगे फाइव स्टार के चिन्ह उसकी उत्तम गुणवत्ता का प्रतीक है। यह मूल्यांकन का प्रतीक स्टार आपके जीवन में सतरंगी स्टार बन निखर रहा है।
रेखागणित का षट्कोण हो या दस कोण हो या सहस्र कोण, हर आकार आपमें साकार बन दृश्यमान होता है। आपकी सृजनशीलता, कर्त्तव्य निष्ठा, समय प्रबंधनता, अनुशासनशैली नए-नए आयाम प्रकट करने वाली है। गुणों के सहस्र कोणों से सुशोभित आपकी आदर्श शासना संघ की श्रीवृद्धि को सहस्रगुणित करती रहे।