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बच्चों के स्वास्थ्य विषयक राज्य स्तरीय संगोष्ठी संपन्न
यूनिसेफ और अन्ना विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एएसीईजी सेमिनार हॉल, अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में बच्चों में बढ़ती बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी सुधार के उद्देश्य से राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में यूनिसेफ तमिलनाडु-केरल प्रबंध निदेशक के. एल. राय ने स्वागत भाषण दिया। यूनिसेफ संचार विशेषज्ञ सेयम सुधीर बंदी ने विषयवस्तु का संयोजन करते हुए संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की। अन्ना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एस. अरुलसेल्वन ने पीपीटी के माध्यम से बच्चों में मोटापा, मधुमेह, अस्थमा एवं मानसिक रोग जैसे बढ़ते गैर-संचारी रोगों (NCDs) पर विस्तृत डेटा सहित प्रस्तुति दी। उन्होंने इन बीमारियों के कारणों और असमय मृत्यु की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
स्वास्थ्य चिंताओं की व्यापकता को देखते हुए संगोष्ठी में सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के लगभग 40 प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज की ओर से अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल कार्यकारिणी सदस्य माला कातरेला ने प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने भगवान महावीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों एवं आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा प्रस्तुत जीवन विज्ञान की अवधारणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह शिक्षा केजी से लेकर प्रोफेशनल कोर्सेज तक के छात्रों के लिए उपयोगी है। अणुव्रत समिति, चेन्नई के मंत्री स्वरूपचंद दाँती ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सात महत्वपूर्ण बिंदुओं का विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी, संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त NGO है, जो नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल डिटॉक्स जैसे विषयों पर 76 वर्षों से कार्यरत है। इस अवसर पर यूनिसेफ एवं अन्य गणमान्य अतिथियों को जीवन विज्ञान तथा जैन साहित्य भेंट किए गए। कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल, किलपाक से अध्यक्ष अनीता सुराणा, उपाध्यक्ष मेघा मांडोत तथा मंत्री वनिता नाहर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।