तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम ने देशभर में किया एक साथ नेत्र जांच शिविर 'मिशन दृष्टि' का आयोजन

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अहमदाबाद

तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम ने देशभर में किया एक साथ नेत्र जांच शिविर 'मिशन दृष्टि' का आयोजन

बच्चों की आंखों की जांच का राष्ट्रीय कीर्तिमान तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम (TPF) ने पूरे भारत में एक साथ '1 राष्ट्र, 1 दिन, 1 लाख छात्र, 101 स्थान' के संकल्प के साथ मिशन दृष्टि 2025 के अंतर्गत मेगा नेत्र जांच शिविरों का आयोजन कर नेत्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व उपलब्धि स्थापित की। यह अभियान देश के 100 से अधिक शहरों और सैकड़ों विद्यालयों में आयोजित हुआ, जिसके अंतर्गत 1,15,000 से अधिक बच्चों की आंखों की जांच की गई — जो कि एक दिन में किए गए सबसे अधिक दृष्टि परीक्षणों में से एक माना जा रहा है।
इस राष्ट्रव्यापी आयोजन की शुरुआत एक विशेष उद्देश्य और सामूहिक मिशन भावना के साथ की गई थी, जिसका ध्येय था — देशभर के स्कूली बच्चों में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना, प्रारंभिक स्तर पर दृष्टि दोष की पहचान करना और स्क्रीन टाइम के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आंखों की सुरक्षा पर कार्यशालाएं आयोजित करना। सभी शाखाओं से इस अभियान में भागीदारी हेतु एक साझा गूगल फॉर्म जारी किया गया था। इस कार्यक्रम में आंखों की जांच, चश्मे की सलाह, नेत्र जागरूकता कार्यशालाएं और निःशुल्क परामर्श जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल थीं, जिससे लाखों बच्चों और उनके परिवारों को लाभ प्राप्त हुआ। टीपीएफ राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत मांड़ोत ने पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में मिशन दृष्टि 2025 की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राष्ट्रव्यापी नेत्र जांच अभियान तेरापंथ समाज की सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बच्चों में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना एक अत्यंत आवश्यक कार्य था, जिसे देशभर की शाखाओं ने मिलकर सफलतापूर्वक संपन्न किया। मांड़ोत ने सभी सहयोगी चिकित्सकों, स्वयंसेवकों और स्कूल प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए आगे भी इसी समर्पण और संगठनभाव से कार्य करते रहने का आह्वान किया।
इस अवसर पर टीपीएफ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवीन चोरडिया और महामंत्री मनीष कोठारी की संगठनात्मक सक्रियता और मार्गदर्शन भी उल्लेखनीय रहा, जिनके समन्वय से विभिन्न क्षेत्रों की शाखाएं इस अभियान में एकजुट होकर सहभागी बन सकीं। उन्होंने मिशन दृष्टि को केवल एक स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि तेरापंथ की सामाजिक चेतना का विस्तार बताया। 'मिशन दृष्टि' के प्रति राष्ट्रभर की शाखाओं, डॉक्टरों, स्कूल प्रबंधन, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने दिल खोलकर सहभागिता दिखाई। संयोजक गौतम दुगड़ के मार्गदर्शन में देशभर की शाखाओं को इस मिशन से जोड़ा गया और इसे एक सार्थक, संगठित एवं सफल जन-स्वास्थ्य अभियान के रूप में रूपांतरित किया गया। 'एक देश, एक दिन, एक लाख विद्यार्थी' के ऐतिहासिक लक्ष्य के साथ आयोजित इस नेत्र परीक्षण शिविर को 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' एवं 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी स्थान प्राप्त हुआ, जिससे इस सेवा कार्य को वैश्विक पहचान मिली।