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दक्षिणांचल दायित्व बोध सम्मेलन ‘आरोहण’ एवं सरगम सेमीफाइनल का आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद् बेंगलुरु द्वारा दक्षिणांचल दायित्व बोध सम्मेलन 'आरोहण – शिखर की ओर' का सफल आयोजन ज्ञान ज्योति ऑडिटोरियम, गांधीनगर में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी सुशिष्य डॉ मुनि पुलकित कुमारजी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ मुनिश्री ने मंगल मंत्रोच्चार के द्वारा किया। परिषद् की भजन मंडली प्रज्ञा संगीत सुधा ने विजय गीत का संगान किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने श्रावक निष्ठा पत्र के वाचन के पश्चात कार्यक्रम के विधिवत शुभारंभ की घोषणा की। स्थानीय सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली ने दक्षिण की युवा शक्ति का स्वागत किया। तेयुप अध्यक्ष प्रसन्न धोका ने स्वागत वक्तव्य के साथ परिषद् के कृत कार्यों की झलक एवं आगामी कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। उपाध्यक्ष पवन मांडोत ने सम्मलेन के विविध सत्रों की जानकारी देते हुए सभी का अभिनन्दन किया। प्रेरणा सत्र में मुनि पुलिकत कुमार जी ने उद्बोधन देते हुए कहा- युवकों के भीतर जैनत्व के संस्कार पुष्ट होने चाहिए। जैनिज़्म में इतनी शक्ति है जिससे युवकों को दुःख मुक्ति का उपाय मिल सकता है। शिखर की ओर आरोहण करने के लिए मुनिश्री ने युवकों को चन्द्रमा जैसी शीतलता, सूर्य जैसी तेजस्विता की भावना से भावित होने की प्रेरणा दी। मुनिश्री ने आगे कहा कि युवा यहाँ आत्म चिंतन के लिए उपस्थित हुए हैं, वे अपने विल पावर को बढ़ाने का प्रयास करें।
प्रज्ञा संगीत सुधा द्वारा आरोहण थीम सांग का संगान किया गया। मुनि आदित्य कुमार जी ने 'हाउ टू इम्प्रूव योर वैल्यू' विषय पर सम्बोधित करते हुए युवकों को नई राह पर आरोहण करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने युवकों को अभातेयुप के आयामों पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्षयीय वक्तव्य प्रस्तुत किया। विकास परिषद् सदस्य पदमचंद पटावरी ने पुराने श्रावकों के इतिहास की जानकारी देते हुए उनके महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की। उन्होंने आचार्य भिक्षु, उनकी धर्म क्रांति और उसके फल पर युवाओं प्रेरित करने के साथ तेरापंथ के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित करवाया। इस अवसर पर 'Digital, Delegated, Disciplined - नए युग का व्यावसायिक मॉडल' विषय पर पैनल चर्चा भी हुई जिसमें ई एंड वाई के सीनियर पार्टनर आदर्श रांका के संयोजन में भारतीय सिटी ग्रुप के जगदीश चंद्र शर्मा, हैपिलो के विकास नाहर एवं जेटवर्क के अंकित फतेहपुरिया ने व्यावसायिक चुनौतियों को पार करने, कुछ नया और बड़ा करने के विभिन्न सूत्र प्रदान किये।
कार्यक्रम की सफलता के लिए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा प्रदत्त शुभकामना सन्देश का वाचन परिषद् के सहमंत्री प्रणय पोकरणा ने किया। तेरापंथ किशोर मंडल के सदस्यों ने भिक्षु दृष्टान्त पर नाटिका का मंचन किया। युवा गौरव मूल चंद नाहर ने शुभकामना सम्प्रेषित की।
संकल्प सत्र में महासभा के पूर्व अध्यक्ष हीरालाल मालू ने नेतृत्व विकास पर मार्गदर्शन दिया, वहीं युवा गौरव विमल कटारिया ने समाज सेवा को सौभाग्य बताया। समापन सत्र में अभातेयुप सहमंत्री लक्की कोठारी ने शाखा विकास एवं भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। शाखा प्रभारी अमित दक ने युवकों से दायित्व बोध के प्रति सजग रहने का आह्वान किया। अंत में पदाधिकारियों द्वारा उपस्थित परिषदों को सम्मान किया गया। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के सह संयोजक तरुण पटावरी ने किया। कार्यक्रम का संचालन परिषद् मंत्री प्रदीप चौपड़ा एवं संयोजक रोहित कोठारी ने किया। कार्यक्रम में दक्षिण भारत की 30 से अधिक परिषदों के युवकों ने भाग लिया।
सायंकाल अभातेयुप के तत्वावधान में सरगम सेमीफाइनल 2 का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से चयनित 9 प्रतिभागी टीमों ने हिस्सा लिया। मुख्य प्रायोजक प्रकाशचंद दीपक विकास बाबेल परिवार एवं स्वर्णमाला अशोक, श्वेता एडवोकेट प्रणय पोकरणा परिवार का परिषद की ओर से सम्मान किया गया। टीमों में से मुंबई की ताल तरंग, चेन्नई की समर्पण, सूरत की सुरों का नूर, बेंगलुरु की स्पंदन का फाइनल राउंड के लिए चयन हुआ। निर्णायक के तौर पर मीठालाल पावेचा एवं विकास पोरवाल ने भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय प्रभारी अर्पित नाहर एवं आर जे मीत ने कुशलता पूर्वक किया।
कार्यक्रम में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत मांडोत, सरगम सहप्रभारी विशाल पितलिया, अभातेयुप सदस्यों, अनेकों पूर्व अध्यक्ष, विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, पुरस्कार प्राप्त गणमान्य व्यक्ति एवं श्रावक-श्राविका समाज की उपस्थिति रही। परिषद् के अनेकों कार्यकर्ताओं एवं बेंगलुरु की अन्य छह परिषदों के सदस्यों का भी सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ।