अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह विविध कार्यक्रमों के साथ संपन्न

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गंगापुर।

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह विविध कार्यक्रमों के साथ संपन्न

अणुव्रत प्रेरणा दिवस से प्रारंभ हुआ अणुव्रत सप्ताह नगर में विविध आयोजनों और सारगर्भित संदेशों के साथ संपन्न हुआ। सप्ताह भर चले इन कार्यक्रमों का आयोजन अणुव्रत मंच गंगापुर की संयोजिका प्रीति रांका के नेतृत्व में किया गया, जिसमें मुनि प्रसन्न कुमार जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ। अणुव्रत प्रेरणा दिवस के अवसर पर यूरोपियन स्कूल में अणुव्रत गीत महासंगान हुआ। मुनि प्रसन्न कुमार जी ने कहा कि अणुव्रत सभी के लिए है — यह मानवता का धर्म है। आचार्य श्री तुलसी ने युग की आवश्यकता के अनुरूप अणुव्रत आंदोलन को जन-जन तक पहुँचाया और इसे विश्व-उपयोगी बनाया। मुनिश्री ने कहा कि वैज्ञानिकों ने ‘अणुबम’'' दिया, पर आचार्य श्री तुलसी ने ‘अणुव्रत’ दिया, जो विश्व शांति का मार्ग है।
अहिंसा दिवस के अवसर पर कालू कल्याण कुंज में मुनि प्रसन्न कुमार जी ने कहा कि विश्व की अधिकांश समस्याओं की जड़ अनावश्यक हिंसा है। संयम और अहिंसा ही स्थायी शांति का मार्ग हैं। मुनि धैर्य कुमार जी ने भी संयम और संतोष के जीवन-मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया। सांप्रदायिक सौहार्द दिवस पर विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुनि प्रसन्न कुमार जी ने कहा कि समादर, सहिष्णुता और समझ से ही सौहार्द संभव है। उन्होंने कहा कि धर्म और सम्प्रदाय को संतरे की तरह समझना चाहिए — छिलका सम्प्रदाय है और रस आत्मधर्म। कार्यक्रम में विभिन्न सम्प्रदायों के प्रतिनिधि, संत और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पर्यावरण दिवस पर मुनि प्रसन्न कुमार जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 'वृक्ष हैं तो जीवन है।' उन्होंने बताया कि इंसान की पहली आवश्यकता श्वास है, जो वृक्षों से मिलती है। आज अति-सुविधा और भोगवादी प्रवृत्तियों के कारण पर्यावरण संकट बढ़ रहा है।
बच्चों को उन्होंने प्रकृति के संरक्षण का संकल्प दिलाया। मुनि धैर्य कुमार जी ने बच्चों को विद्यार्थी अणुव्रत का संकल्प करवाया। नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मुनि प्रसन्न कुमार जी ने कहा कि आज नई पीढ़ी बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब और स्मैक जैसे नशों की गिरफ्त में आ रही है। उन्होंने युवाओं को सत्संग, आत्मनियंत्रण और नशा मुक्ति शिविरों में भाग लेने की प्रेरणा दी। अनुशासन दिवस पर अणुव्रत प्रवक्ता रमेश हिरण ने आलोक विद्या मंदिर में कहा कि किसी भी संगठन की सफलता अनुशासन पर निर्भर करती है। भारतीय सेना, आरएसएस और तेरापंथ धर्मसंघ का अस्तित्व अनुशासन की ही देन है। अणुव्रत मंच की रेखा नौलखा ने बच्चों को अनुशासित जीवन अपनाने की प्रेरणा दी, जबकि संयोजिका प्रीति रांका ने प्राणायाम का अभ्यास करवाया। जीवन विज्ञान दिवस, जो अणुव्रत सप्ताह का समापन दिवस था, जूनावास स्कूल में मनाया गया। मुनि प्रसन्न कुमार जी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल बौद्धिक विकास नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी है।
जीवन विज्ञान के प्रयोग व्यक्ति के भीतर सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। मुनि धैर्य कुमार जी ने महाप्राण ध्वनि के लाभ बताते हुए बच्चों को नशामुक्त जीवन का संकल्प दिलाया। सप्ताहभर चले इन आयोजनों में गंगापुर के विद्यालयों, सामाजिक संस्थाओं एवं विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। मंच संयोजिका प्रीति रांका, सरोज भंडारी, रेखा नौलखा, निधि महता, भावेश जैन, अंजु रांका, प्रियंका नौलखा सहित अणुव्रत मंच के सदस्यों का विशेष योगदान रहा।