अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के त्रिदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 'हम' का हुआ समायोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का 58 वां राष्ट्रीय अधिवेशन "हम" पूज्य गुरुदेव युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में 23-24-25 अगस्त 2024 को वस्त्र एवं डायमंड नगरी सूरत के संयम विहार परिसर में आयोजित हुआ। पूज्य गुरुदेव से मंगल पाठ श्रवण के साथ त्रिदिवसीय अधिवेशन का आगाज हुआ।
प्रथम दिवस
पूज्य गुरुदेव के सान्निध्य में आयोजित मंचीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने अभातेयुप द्वारा गत वर्ष में आयोजित सभी कार्यक्रमों की जानकारी पूज्यप्रवर को निवेदित करते हुए कहा कि तेरापंथ की युवा शक्ति गुरु इंगित की आराधना करते हुए संघ एवं समाज के विकास में योगभूत बन रही है। कार्यक्रम में साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी ने युवकों को ज्ञान और विवेक संपन्न बनने की प्रेरणा प्रदान की। अभातेयुप के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेश कुमार जी ने अभातेयुप को श्रद्धाशील, आस्थाशील श्रावकों के निर्माण का कारखाना बताया।
जैन समाज पूरे देश के लिए रोल मॉडल है
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने युवाओं के बीच अपनी सारगर्भित अभिव्यक्ति
में कहा कि जैन समाज पूरे देश के लिए रोल
मॉडल है। हर संकट की घड़ी में जैन समाज देश की सेवा में अग्रणी रहता है। संख्या छोटी है लेकिन प्रभाव बड़ा है।
सांसद सूर्या ने आगे कहा कि विश्व के सबसे बड़े रक्तदान शिविर का आयोजन अभातेयुप ने किया है, यह अभिनन्दनीय है । जैन समाज के युवा रक्त लेने का नहीं, देने का काम करते है। गुरुदेव का नशामुक्ति का संदेश युवा शक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बना रहा है। नशामुक्ति देश के युवाओं को सुदृढ़ बनाने का संदेश है। 2047 तक भारत विकसित देश बनेगा, लेकिन युवाओं का चरित्र निर्माण होगा तभी भारत वैश्विक महाशक्ति बन सकेगा। अभातेयुप के माध्यम से युवाओं को Innovation, Entrepreneurship भी सिखाया जाता है तो सेवा, संस्कार एवं संगठन के गुर भी सिखाएं जाते है। हम सब साथ मिलकर भारत की विरासत को, गुरु परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करते रहेंगे।
एक प्राणवान संगठन है अभातेयुप
बहुश्रुत परिषद सदस्य मुनि दिनेशकुमारजी ने युवाओं को अम्बोधित करते हुए कहा कि एक गुरु एक विधान के घोष पर चलने वाला धर्मसंघ है तेरापंथ। इसका एक प्राणवान संगठन है अभातेयुप, इसके बराबर कोई दूसरा संगठन नहीं है। यह संगठन युगीन है, अपनी अलग पहचान रखने वाला है। युवकों का पहला चिंतन बिंदु है परिवार का संगठन मजबूत बना रहे। सेवा ऐसा तत्व है जिससे सामने वाले से हमारा विशेष जुड़ाव हो जाता है। लौकिक व लोकोत्तर दोनों सेवा का महत्व है। युवकों से संगठन की शोभा है, संगठन से युवकों की शोभा है और दोनों से संघ की शोभा है। आपके संस्कार इतने पुष्ट हो जिससे भावी पीढ़ी भी संस्कारित बनेगी। हर युवक नशामुक्त रहे, मांसाहार से दूर रहे। संस्कार और धार्मिकता हर परिवार में रहनी चाहिए।
'किंग मेकर' नहीं, 'कार्यकर्ता' बनें
बहुश्रुत परिषद सदस्य मुनि उदितकुमारजी ने युवाओं को संगठन सुदृढ़ीकरण के सूत्र देते हुए कहा कि तेयुप से जुड़े युवा अपने-अपने व्यवसाय में व्यस्त रहते हैं, लेकिन जो समय उनके पास है, उसका पूरा उपयोग करते हैं। युवाओं में समर्पण का भाव होना चाहिए- अपने कार्य, समाज, शासन, और संगठन के प्रति। कुछ सदस्य, जो तकनीकी उम्र पार कर चुके हैं, फिर भी तेयुप के प्रति सक्रिय हैं। इसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन उन्हें 'किंग मेकर' नहीं, 'कार्यकर्ता' की भूमिका में रहना चाहिए।
जीवन में संतुलन बनाए रखें
मुनि कुमारश्रमण जी ने कहा कि यह एक भ्रांति है कि युवाओं में धर्म के प्रति रुचि नहीं है, और इसके प्रमाण के रूप में युवक परिषद को देखा जा सकता है। उन्होंने युवाओं को अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें परिवार, व्यवसाय, और सामाजिक कार्यों के बीच सही तालमेल होना चाहिए।
उन्होंने सलाह दी कि धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए समय निकालना आवश्यक है, जैसे कि स्वाध्याय, माला जप, और ध्यान। उन्होंने यह भी कहा कि युवक परिषद का मुख्य उद्देश्य धर्म की सेवा करना है और इसके लिए ज्ञान आवश्यक है। मुनिश्री ने विशेष रूप से नशे से दूर रहने और अपने संस्कारों को मजबूत बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे किसी भी परिस्थिति में अपने धर्म और संस्कारों से समझौता न करें, चाहे उनके ऊपर किसी भी प्रकार का सामाजिक दबाव क्यों न हो।
द्वितीय दिवस
अधिवेशन के द्वितीय दिवस इम्पेक्ट फोरम का आयोजन किया गया।
मैं कुछ होना चाहता हूं
अभातेयुप आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेशकुमारजी ने सम्भागियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि 60 साल की संपन्नता का यह अवसर और इस मौके पर कुछ परिवर्तन महसूस हो रहा है। कुछ नया करने की तड़फ परिलक्षित हो रही है। आगमों में एक सूक्त आता है- मैं कुछ होना चाहता हूं, मैं कुछ करना चाहता हूं। हमें कुछ नया करना है, यह हमारा संकल्प है। हम इतने सक्षम बनें कि बाह्य स्थितियों से प्रभावित होने के स्थान पर उनको बदल सके।
अभातेयुप अध्यक्ष रमेश डागा ने अभातेयुप के आयामों की चर्चा करते हुए आगामी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के वाइस चेयरमैन अंनत पंधारे ने रक्त दान के क्षेत्र में अभातेयुप के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अभातेयुप के साथ रक्तदान के क्षेत्र में कार्य करने की घोषणा की।
युवाओं की सही दिशा में ऊर्जा ही देश की प्रगति को सुनिश्चित कर सकती है पूरी से लोकसभा सांसद संबित पात्रा ने तेरापंथ धर्म संघ के अनुशासन और अभातेयुप के रक्तदान अभियान की सराहना की। पात्रा ने युवाओं को देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक सुधारों में प्रमुख भूमिका निभाने की प्रेरणा दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं की सही दिशा में ऊर्जा ही देश की प्रगति को सुनिश्चित कर सकती है। ताइवान के प्रसिद्ध उद्योगपति टेको ग्रुप के चेयरमेन यू जिन ह्वांग ने भी उपस्थित युवाशक्ति को सम्बोधित किया। इम्पेक्ट फोरम में MBDD, हिट युवा फिट युवा, टीटीएफ, सरगम आदि आयामों के आयाम प्रभारियों ने अपनी प्रस्तुति देते हुए आगामी कार्यक्रमों का रोडमेप प्रस्तुत किया। शाखा मूल्यांकन एवं सम्मान के क्रम में शाखा परिषदों द्वारा उनके द्वारा वर्ष भर विभिन्न आयामों के आयोजन हेतु उन्हें सम्मानित किया गया। सायंकालीन सत्र में युवाशक्ति ने गुरु इंगितानुसार शनिवारिय सामायिक में अपनी सहभगिता दर्ज करवाई। वार्षिक साधारण सभा का आयोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा की अध्यक्षता में हुआ। महामंत्री श्री अमित नाहटा द्वारा मंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
तृतीय दिवस
अधिवेशन का तृतीय दिवस शाखा मूल्यांकन एवं अलंकरण के नाम रहा। सदस्य संख्या के अनुसार परिषदों को पांच श्रेणियों लघु, मध्यम, विशाल, वृहद और विराट में विभाजित कर सेवा, संस्कार, संगठन के त्रिआयामी उद्देश्यों में किये गए कार्यों के अनुसार परिषदों को सम्मानित किया गया। सेवा संस्कार संगठन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु तेयुप विजयनगर और अहमदाबाद को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ शाखा अलंकरण प्रदान किया गया। सेवा, संस्कार और संगठन के क्षेत्र में विशिष्ट परिषदों को भी सम्मानित किया गया। आगामी वर्ष में नव ऊंचाइयों को छूने के संकल्प के साथ अधिवेशन का समापन हुआ।