दम्पत्ति आराधना अनुष्ठान का आयोजन

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दम्पत्ति आराधना अनुष्ठान का आयोजन

मुनि रश्मिकुमार जी के निर्देशन में दंपत्ति आराधना अनुष्ठान का आयोजन स्थानीय तेरापंथ भवन ईरोड में किया गया। इस अवसर पर मुनि रश्मिकुमारजी ने मंत्रों की साधना करवाते हुए उनका महत्व बताया। उन्होंने कहा कि आज के युग में हम मंत्रों के द्वारा तनाव मुक्त रह सकते हैं। मनोवांछित कार्य सिद्धि मंत्र, वैर शमन मंत्र, क्रोध-आवेश शांति मंत्र, सर्व मंगलकारी मंत्र, शांतिदायक मंत्र, पारस्परिक सौहार्द मंत्र व ग्रह-शान्तिदायक मंत्रों से हम आधि-व्याधि-उपाधि से मुक्ति पाते हुए, अपने जीवन को सुव्यवस्थित बना सकते हैं। अनुष्ठान द्वारा व्यक्ति के कर्मों की निर्जरा होती है। इससे व्यक्ति हर प्रकार की सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकता है। सामूहिक रूप में किए जाने वाले अनुष्ठानों से पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्र की समस्याओं से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। मुनि प्रियांशु कुमार जी ने कहा विघ्न-हरण ग्रह-शान्ति का यह अनुष्ठान एक दुर्लभ अनुष्ठान है। इसमें भाग लेकर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकता है। अनुष्ठान में दंपत्ति जोड़ों ने मंत्रों से गर्भित पिरामिड को अपने मस्तिष्क पर धारण कर भाग लिया।