पंचपरमेष्ठी आत्मरक्षा कवच अनुष्ठान का आयोजन
साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में खिलौनी देवी धर्मशाला के प्रांगण में पंचगठी पंचपरमेष्ठी आत्मरक्षा कवच का अनुष्ठान हुआ। सैकडों भाई-बहनों ने इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लेकर अद्भुत एवं दिव्य ऊर्जा का अनुभव किया। साध्वीश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा- नमस्कार महामंत्र मंत्रों का सरदार हैं। इस महामंत्र में अनेक शक्तियों को नमस्कार किया गया हैं। घनीभूत आस्था व श्रद्धा के साथ निरंतर इसका जप करने वाला साधक सिद्धियों को प्राप्त कर सकता हैं। नमस्कार महामंत्र हमारा रक्षा कवच है। मंत्रविद् आचार्यों ने इस महामंत्र के साथ शक्तिशाली बीजमंत्रों को जोड़कर और अधिक शक्तिशाली बनाया है।
साध्वीश्री ने कहा- इस जप अनुष्ठान को करने वाला साधक अनेक प्रकार की नकारात्मक शक्तियों एवं नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकता है। यह अनुष्ठान आत्मिक ऋद्धि, सिद्धि व समृद्धि प्रदायक बन सकता है। इस अनुष्ठान को करने वाला व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन में ख़ुशहाली ला सकता है। यह अनुष्ठान आत्मरक्षा कवच का निर्माण कर सकता है जो आधि-व्याधि एवं उपाधि का हरण कर सकता है। अपेक्षा है व्यक्ति निरन्तर एवं नियमित महामंत्र जप का अनुष्ठान करे। डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा- सनातन परम्परा में कोई पूजा होती है तो पूजा के पश्चात दक्षिणा दी जाती है। हम चाहते हैं आप भी हमें दक्षिणा दें। हमारी दक्षिणा होगी - पौषध। सम्वत्सरी महापर्व पर ज़्यादा से ज़्यादा भाई-बहन पौषध कर हमें दक्षिणा दें। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने तीर्थंकर स्तुति के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। पीतमपुरा सभा मंत्री वीरेन्द्र जैन ने आभार ज्ञापित किया।