समाज की, परिवार की धुरी है दम्पत्ति

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समाज की, परिवार की धुरी है दम्पत्ति

साध्वीश्री डॉ. मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में और तेरापंथ युवक परिषद कांदिवली-मलाड के तत्वावधान में 'हैप्पी कपल खुशी डबल' विषयक कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित दम्पत्तियों को सम्बोधित करते हुए साध्वीश्री ने कहा- समाज की गाड़ी दम्पत्ति के सहयोग से चलती है। परिवार से समाज बनता है और व्यक्ति से परिवार बनते हैं। परिवार की धुरी पति-पत्नी रूपी पहिए होते हैं। यदि वे सशक्त हैं तो परिवार भी सशक्त बन जाता है। आवश्यक है कि परिवार में शांति बनी रहे। बिजली की तरह यदि तार सही जुड़ जाते हैं तो प्रकाश प्राप्त होता है, अन्यथा प्रकाश की जगह अंधेरा हो सकता है।
साध्वीश्री ने विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा- जीवन को जीने के लिए इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि पति-पत्नी एक-दूसरे को सहें और सम्मान देते रहें। दुःख-दर्द में पारस्परिक सौहार्द बना रहे। पारस्परिक व्यवहार में भ्रम पैदा न हो, विश्वास की शक्ति ऐसी होती है जिससे रिश्ते मजबूत बने रहते हैं। रिश्तों में मिठास बनी रहे, इसके लिए अनेक बातों को नज़रअंदाज़ भी किया जा सकता है। साध्वी वृंद ने "हैप्पी खुशियां डबल हों, पल-पल मंगल" गीत का सामूहिक संगान किया। तेयुप अध्यक्ष राकेश सिंघवी ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया। साध्वी राजुलप्रभा जी ने कहा- दम्पति अपने जीवन में गुणों का प्रकाश भरें, संयम की चेतना जगाएं। मुख्य वक्ता के रूप में चेन्नई से पधारे राकेश खटेड़ ने आकर्षक प्रेरक वक्तव्य से श्रोताओं का मन मोह लिया और दाम्पत्य जीवन के कई टिप्स बताए। बोरिवली ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका शीतल सांखला ने दम्पतियों से रोचक प्रश्न पूछे। तेरापंथ महिला मंडल द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई। तेयुप मलाड के अध्यक्ष जयंती मादरेचा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी अतुलयशाजी ने किया।