ज्ञानशाला दिवस पर विविध आयोजन
मुनि देवेंद्रकुमार जी के सान्निध्य मे तेरापंथ भवन भिवानी में ज्ञानशाला दिवस बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। मुनिश्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि आचार्य श्री तुलसी की एक रचना है- ज्ञानशाला। इसमें जैसा रंग भरा जाए वह अंकित हो जाता है। जीवन निखारने का एक माध्यम है- ज्ञानशाला। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कारों के जागरण की शाला है- ज्ञानशाला। ज्ञानशाला का लक्ष्य है बच्चों में सद् संस्कार भरना और उनके भीतर सदाचार लाना। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई। बच्चों के द्वारा संस्कार सप्तक प्रस्तुत किया गया। ज्ञानशाला गीत व आच्छा लागै सै गीत पर बच्चों ने सुंदर प्रस्तुति दी। ‘बच्चों की अदालत’ नाम से एक नाटिका का मंचन किया गया। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष सन्मति जैन, मंत्री विकास जैन, कोषाध्यक्ष बैजनाथ जैन, प्रचार मंत्री नवीन नाहटा, उपासक रमेश जैन, सुरेंद्र जैन एडवोकेट, उपासिका मधु जैन, हरियाणा ज्ञानशाला की सह प्रभारी वनिता जैन ने अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संयोजन ज्ञानशाला प्रशिक्षिका रेनू नाहटा व शिखा जैन ने तथा आभार ज्ञापन मीनू जैन द्वारा किया गया।