बाबै रो मंगल शरणो
बाबै रो मंगल शरणो है।
भाद्रव सुद्र तेरस रो दिन अमृतमय झरणो है।।
दीपां बल्लू शाह रो अंगज शासन रो सरताज।
सुधरी री छतर्यां स्यूं की है धर्म क्रांति आवाज।
जाप स्यूं भवजल तरणो है।।
ताव चढ्यो भीखणजी ने जव कियो सत्य स्वीकार।
राजनगर में खिल्यो बोधि रो अनुपमेय मंदार।
जिनेश्वर आज्ञा रमणो है।।
कष्टां री आंध्यां में बाबो हिम्मत नहीं हारी।
सैनिक बणकर निखर्या गण में जावां बलिहारी।
तेरापंथ रो महाराणो है।।
अंधेरी ओरी रो पावस केलवा महकायो।
यक्ष देव श्री चरणां रो चाकर बन हरसायो।
अमरता रो पथ वरणो है।।
मर्यादा शासन अनुशासन संघ रो जीवन प्राण।
एक गुरू की शासना में करूणो है कल्याण।
संघ में आगै बढ़णो है।।
सांवरियै रो नाम सुमरतां विघन हो जावै दूर।
आशावां सब फल ज्यावै है मिल जावै कोहिनूर।
भिक्खु स्याम निशदिन रटणो है।।
लय - तावड़ा धीमो