मास खमण तपस्या का अभिनंदन समारोह
आत्मबल, गुरु कृपा और पुण्योदय से तपस्या होती है। मनोबल मजबूत हो, आस्था, निष्ठा व संकल्प शक्ति से तपस्या की जा सकती है, भव-भव के कर्म बंधन काटे जा सकते हैं। यह उद्गार ‘शासन गौरव’ साध्वी राजीमतीजी ने रेखा महेंद्र पारख के मासखमण तपाभिनंदन समारोह पर कहे। ऋषभ पारख ने भी 9 की तपस्या की। साध्वी वृंद, पारख परिवार की बहनों, महिला मंडल एवं युवक परिषद ने आई तप गीतिका का संगान किया। परिवार के नन्हे बालक-बालिकाओं ने तपस्या का सुंदर चित्रण किया। साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी का संदेश वाचन साध्वी समताश्री जी ने किया। अभिनंदन पत्र का वाचन मंत्री मनोज घीया ने किया। पूर्व प्रधान कन्हैया लाल सियाग व समाज सेवी धनराज गोलछा ने जैन धर्म की तपस्या को महान तप बताया। पारख परिजन, महिला मंडल मंत्री प्रीति मरोठी, इंदरचंद बैद ‘कवि’, सभा अध्यक्ष शुभकरण चौरडिया, हनुमानमल बैद ने तप के प्रति भावांजली व्यक्त की। संचालन सभा उपाध्यक्ष लाभ चंद छाजेड़ ने किया।