समाज और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती है नारी

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समाज और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती है नारी

साध्वी संगीतश्री जी के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में पूर्वी दिल्ली महिला मंडल द्वारा प्रवर्द्धन महिला सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री के द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ किया गया। पदाधिकारीगण एवं मंडल की बहनों ने साथ मिलकर स्वागत गीत का संगान किया। अध्यक्षा सरोज सिपानी ने पधारी हुई संपूर्ण राष्ट्रीय टीम, गणमान्य व्यक्तियों एवं सभी संस्थाओं के पदाधिकारीगण का स्वागत किया। अर्जुनराम मेघवाल ने अपने वक्तव्य में प्राचीन काल की विदुषी महिलाओं का स्मरण करते हुए कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। महिलाओं के उत्थान के लिए आचार्यश्री तुलसी के द्वारा दिए गए अवदानों का गुणगान करते हुए उनके द्वारा रचित ‘संयममय जीवन हो’ गीतिका को लयबद्ध गाकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रीय अध्यक्षा सरिता डागा ने प्रवर्द्धन का महत्व समझाते हुए कहा कि आज की नारी हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर आगे बढ़ती जा रही है। अनुशासन और जीवन मूल्यों का पाठ पढ़ने वाली हर महिला उतनी ही प्रबुद्ध है जितना की एक वैज्ञानिक और साहित्यकार। नारी सशक्तिकरण एवं नारी-उत्थान से हम बहुत गर्वित हैं। राष्ट्रीय महामंत्री नीतू ओस्तवाल ने अपने वक्तव्य में नारी की महिमा और शक्ति का गुणगान किया। तत्पश्चात् एक चर्चा परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें पैनलिस्ट के रूप में उपस्थित थे- डॉ. रमा शर्मा (प्रिंसिपल हंसराज कॉलेज), डॉक्टर प्रोफेसर सुरभि ढींगरा, आस्था जैन (सह निदेशक, कोयला मंत्रालय) मरियम फारुकी (भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, सोशल मीडिया सहप्रभारी)। मॉडरेटर की कुशल भूमिका निभाई राष्ट्रीय महामंत्री नीतू ओस्तवाल एवं दिल्ली व यूपी प्रभारी सुनीता जैन ने।
इस परिचर्चा में महिलाओं से संबंधित अनेक विषयों पर प्रकाश डालकर उपस्थित सभी बहनों को यह एहसास कराया गया कि भारत की प्रत्येक नारी समाज और राष्ट्र निर्माण में एक अहम भूमिका निभाती है क्योंकि संस्कार निर्माण का मुख्य दायित्व महिलाओं का है। सभी ने इस बात पर बल दिया कि महिलाएं पुरुषों से स्पर्धा ना रखें अपितु अपने मौलिक संस्कारों को सुरक्षित रखते हुए आगे बढ़ें।
पूर्वी दिल्ली कन्या मंडल ने एक नाटिका की प्रस्तुति द्वारा मीरा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, मदर टेरेसा, कल्पना चावला, सानिया मिर्ज़ा, मैरी कॉम आदि नारियों की गौरव गाथा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर साध्वी संगीतश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा- आज महिलाएं मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय के साथ नित नई उपलब्धियों के परचम लहरा रही हैं। साध्वी मुदिताश्री जी, साध्वी कमलविभाजी, साध्वी शांतिप्रभा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बिजली चमकती है तो आकाश बदल देती है, आंधी उठती है तो दिन रात बदल देती है, जब गरजती है नारी शक्ति तो, इतिहास बदल देती है। दिल्ली सभा अध्यक्ष सुखराज सेठिया ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में जैन समाज के अतिरिक्त अन्य समाज की प्रबुद्ध बहनें भी अच्छी संख्या में उपस्थित थीं। इस अवसर पर दिल्ली, एनसीआर की सभी महिला मंडल के अध्यक्ष, अपनी टीम के साथ, क्षेत्रीय सभाओं, युवक परिषद, ज्ञानशाला व अणुव्रत समिति की टीम ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी। मंत्री सुमन भंडारी ने संचालन किया। कार्यक्रम संयोजिका सरला दूगड एवं मंजू बाँठिया, क्षेत्रीय संयोजिका अमिता बरडिया, शिल्पा बाफ़ना, कल्पना सुखानी व प्रचार प्रसार मंत्री प्रमिला डागा का सराहनीय श्रम रहा। लगभग 800 लोगों की उपस्थिति से कार्यक्रम सफल हुआ।