अभातेममं के तत्वावधान में चित्त समाधि शिविर के विभिन्न कार्यक्रम

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अभातेममं के तत्वावधान में चित्त समाधि शिविर के विभिन्न कार्यक्रम

अ.भा.ते.म.म. के निर्देशानुसार साध्वी राकेशकुमारीजी आदि ठाणा 4 के सान्निध्य में चेम्बूर में ते.म.म. द्वारा चित्त समाधि शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें महिला मंडल के 9 क्षेत्र जुड़े। ते.म.म. घाटकोपर ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। साध्वी राकेशकुमारी जी ने विशाल महिला समाज को सम्बोधित करते हुए कहा - खुशनुमा परिवार के लिए चित्तसमाधि सबसे बड़ा उपहार होता है। चित्त समाधि बनी रहे इसके लिए हंसते-मुस्कुराते रहना एक दैवीय गुण है। परिवार में परस्पर प्रेम, वात्सल्य, स्नेह, सामंजस्य, पारगामी सोच, निस्वार्थ भावना, श्रमशीलता, सेवा, नम्रता, मृदुता, विनम्रता आदि सद्‌गुणों की ज्योति जलती रहने से ही चित्त समाधि बनी रहेगी। साध्वी मलयविभा जी ने 9 मंगल भावनाओं को परिभाषित करते हुए कहा- भावनाओं का प्रेक्टिकल प्रयोग करने से चित्त समाधिस्थ रहता है। अ.भा. ते. म. म. पूर्व अध्यक्ष कुमुद‌ कच्छारा ने चित्त समाधि शब्द की व्याख्या की। चेंबूर अध्यक्षा मनीषा कोठारी ने स्वागत भाषण दिया। 9 क्षेत्र की बहनों ने मिलकर प्रेरणागीत की प्रस्तुति दी। चेम्बूर व गोवंडी की बहनों ने ‘व्हाट्सऐप का जमाना’ विषय पर सुन्दर प्रस्तुति दी। साध्वी चेतस्वीप्रभाजी ने मैत्री अनुप्रेक्षा का प्रयोग करवाया। अ.भा.ते.म.म. से महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला चंडालिया की गरिमामय उपस्थिति रही। कविता शाह ने PPT के माध्यम से योगासन प्रयोग कराया। ते. म. म. भाण्डुप अध्यक्षा रेणु बोथरा ने आभार ज्ञापन किया। मंच संचालन साध्वी विपुलयशाजी ने कुशलता से किया। लगभग 300 बहनों की सराहनीय उपस्थिति रही।