अभातेममं के तत्वावधान में चित्त समाधि शिविर के विभिन्न कार्यक्रम

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अभातेममं के तत्वावधान में चित्त समाधि शिविर के विभिन्न कार्यक्रम

साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में खिलौनी देवी धर्मशाला में तेरापंथ महिला मंडल उत्तर दिल्ली के तत्वावधान में चित्त समाधि शिविर 'वाह जिंदगी' का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा- हमें कुदरत से जिंदगी रूपी नायाब तोहफा मिला है। इस तोहफ़े का मूल्य बढ़ाना भी हमारे हाथ में है तो इसे कूड़ेदान में फेंकना भी हमारे हाथ में है। अगर हमारे मन में प्रसन्नता है, तन में आनंद हिलोरे ले रहा है और चित्त में समाधि है तो मानना चाहिए जिंदगी रूपी तोहफे का हमने मूल्य बढ़ा दिया है। हमें अपने जीवन के उत्तरार्ध को ही खुशहाल नहीं बनाना है बल्कि पूरी जिंदगी को खुशहाल बनाना है। जो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों में नहीं उलझता, इग्नोर करना जानता है, वह अपने चित्त में प्रसन्नता का अनुभव कर सकता है। साध्वी कर्णिकाश्रीजी ने मंगल भावना का प्रयोग करवाते हुए उनका विश्लेषण किया। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा जिस प्रकार कोई इमारत पिलर पर टिकी रहती है, वैसे ही जिंदगी रूपी इमारत के पिलर समता, धैर्य, सकारात्मक सोच एवं संतोष हो जाएं तो जीवन आनंदमय बन सकता है। मुख्य वक्ता वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ उम्मेद दुगड़ ने वास्तु विज्ञान के माध्यम से जिंदगी को वाह जिंदगी बनाने के नुस्खे बताए। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की उपाध्यक्ष सुमन नाहटा, चीफ ट्रस्टी पुष्पा बैंगानी, उत्तर दिल्ली महिला मंडल की अध्यक्ष मधु सेठिया ने अपने विचार व्यक्त किए। उत्तर दिल्ली की बहनों ने मंगल संगान किया। उम्मेद दुगड़ एवं प्रायोजक परिवार अशोक अरुण संचेती का सम्मान किया गया। कार्यक्रम संयोजिका राज सिंघी व अमिता पटावरी का सराहनीय श्रम रहा। मंत्री इंद्रा सुराणा ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने किया।