अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

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अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन अभातेयुप के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद श्रीडूंगरगढ़ के तत्वावधान में अभिनव सामायिक का आयोजन श्रीडूंगरगढ़ सेवा केंद्र में किया गया। तेयुप अध्यक्ष मनीष नौलखा, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप पुगलिया, सह मंत्री विवेक भंसाली ने विजय गीत द्वारा मंगलाचरण किया। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका 'शासनश्री' साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि सामायिक का अर्थ है समता की साधना, आत्मा में रहना और अपनी आत्मा में स्थिर होने का अभ्यास करना। सुख-दु:ख में, लाभ-हानि में, जीवन-मरण में, निंदा-प्रशंसा में, अनुकूल विषम परिस्थितियों में, सम भाव से रहना, यही समता भाव सामायिक है। साधना के क्षेत्र में सर्वाधिक मूल्यवान है समता। सामायिक से भाव शुद्धि, चित्त समाधि, कषाय मंदता, मन की एकाग्रता का विकास होता है। साध्वी सुमंगलाश्रीजी ने उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन किया और अभिनव सामायिक का सुंदर प्रयोग त्रिपदी वंदना, जप, स्वाध्याय आदि के साथ करवाया। साध्वी ऋजुप्रज्ञा जी और साध्वी सम्यक्त्वप्रभा जी ने सामायिक दिवस पर अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किये।