अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

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अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

अभातेयुप द्वारा निर्देशित और तेरापंथ युवक परिषद उदयपुर द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक के कार्यक्रम में 500 से अधिक लोगों ने सामायिक की। सामायिक अनमोल है, सम्पूर्ण राज्य, समूची सृष्टि की दौलत भी भेंट कर दी जाए तो भी 48 मिनट की एक सामायिक को खरीदा नहीं जा सकता। यह विचार 'शासनश्री' मुनि सुरेशकुमारजी ने पयुर्षण पर्व के तीसरे दिन सामायिक दिवस पर विशाल धर्मसमा को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा- समता का भाव ही सामायिक है। दो घड़ी सावद्य योग का त्याग निर्जरा का महान उपक्रम है। मुनि सम्बोध कुमार जी 'मेधांश' ने कहा- आज की दिनचर्या तनाव परोस रही है। सामायिक तनाव के दौर में साम्यभाव को जन्म देता है। मुनि सिद्धप्रज्ञजी ने अहिंसा का प्रतीक पर्युषण पर्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा- पर्युषण पर्व के आठ दिनों का आधार है अहिंसा। संसार हिंसा से और अध्यात्म अहिंसा की बुनियाद पर चलता है। साध्वी डॉ. परमयशाजी ने अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक के विविध प्रयोग करवाते हुए भगवान महावीर के 27 भवों के अनुक्रम में मरीचि कुमार के रोचक प्रसंग पर उद्बोधन दिया। साध्वी विनम्रयशाजी, साध्वी मुक्ताप्रभाजी, साध्वी कुमुदप्रभाजी ने त्रिगुप्ति साधना, ध्यान, मंत्र के साथ स्वाध्याय योग का प्रयोग करवाया। तेरापंथ महिला मंडल ने समूह गीत की प्रस्तुति दी। तेयुप पदाधिकारी एवं सदस्यों ने परमेष्ठि वंदना का संगान किया। तेयुप अध्यक्ष भूपेश खमेसरा ने अभिनव सामायिक की जानकारी देते हुए सभी को नित्य सामायिक करने के लिए प्रेरित करते हुए सभी का स्वागत किया एवं अर्थ प्रदाताओं और पधारे हुए सभी श्रावक समाज के प्रति आभार व्यक्त किया। मंच संचालन तेरापंथ सभा मंत्री अभिषेक पोखरना व तेयुप मंत्री साजन मांडोत ने किया।