अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

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अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

'शासनश्री' साध्वी विद्यावतीजी' द्वितीय' ठाणा 5 के सान्निध्य में पर्युषण पर्व का तीसरा दिन सामायिक दिवस के रूप में मनाया गया। अभातेयुप के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद दादर द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक के उपक्रम में सर्वप्रथम साध्वी प्रियंवदा जी ने त्रिपदी वंदना का प्रयोग कराया। तत्पश्चात् साध्वी प्रेरणाश्री जी ने जप का प्रयोग करवाया। साध्वी ऋद्धियशाजी द्वारा ध्यान का प्रयोग संपादित किया गया। पर्युषण के अंतर्गत साध्वी मृदुयशाजी ने सामायिक दिवस पर सारगर्भित विचार व्यक्त किये। साध्वी विद्यावतीजी ने भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा का वर्णन आगे बढ़ाया। साध्वीश्री ने सामायिक विषय को संपादित करते हुए कहा- विभाव से स्वभाव में आना सामायिक है। चंचलता से स्थिरता की ओर बढ़ना सामायिक है। विषमता से समता की श्रेणी पर आरोहण करना सामायिक है। विशिष्ट श्रावकों की सामायिक का उदाहरण देते हुए सबको अधिकाधिक सामायिक करने की प्रेरणा भी दी गई। कार्यक्रम का संचालन साध्वी प्रियंवदाजी ने किया।