अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

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अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

अभातेयुप के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद, गंगाशहर ने पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन अभिनव सामायिक का आयोजन तेरापंथ भवन में किया। साध्वी चरितार्थप्रभाजी, साध्वी प्रांजलप्रभाजी के सान्निध्य में कुल 1345 सामायिक हुई। परिषद अध्यक्ष महावीर फलोदिया ने बताया कि अभातेयुप की शाखाएं पूरे देश में प्रतिवर्ष पर्युषण महापर्व के दौरान अभिनव सामायिक का आयोजन करवाती है। साध्वी चरितार्थप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि जैन धर्म में सामायिक का विशेष महत्व माना जाता है। सामायिक को समता की साधना और आत्मा को निर्मल करने का महत्वपूर्ण उपक्रम बताया गया है। सामायिक में व्यक्ति 48 मिनट के लिए सारे सांसारिक कार्यो का त्याग करके अध्यात्म साधना में लीन हो जाता है।
साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने बताया कि तेरापंथ युवक परिषद द्वारा आयोजित यह अभिनव सामायिक एक विशेष प्रारूप के अनुसार सामूहिक तौर पर सुनिश्चित प्रयोग के द्वारा की जाती है तथा इस सामूहिक प्रयोग और आभामंडल के प्रभाव से हमारी आत्मा और भी ज्यादा निर्मल बनती है। साध्वी रूचिप्रभा जी ने अभिनव सामायिक के अंतर्गत त्रिपदी वंदना, त्रिगुप्ति की साधना, मंत्रों का जाप, ध्यान एवं स्वाध्याय कराया।