कौन बनेगा ज्ञानवान का सफल आयोजन
मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा 3 के सान्निध्य में रात्रिकालीन कार्यक्रम में कौन बनेगा ज्ञानवान का सफल आयोजन प्रेक्षा विहार में तेरापंथ युवक परिषद् साउथ हावड़ा द्वारा किया गया। कौन बनेगा ज्ञानवान कार्यक्रम का मुख्य विषय था जैन धर्म, तेरापंथ इतिहास एवं सामान्य जानकारी। इस कार्यक्रम में 24 संभागियों ने भाग लिया जिसमें 11 चयनित संभागी आगे के कार्यक्रम में बढ़े जिसमें अंत में सभी प्रश्नों के उत्तर देकर दो संभागी ज्ञानवान बने। संवाद क्रम की संपन्नता के पश्चात आशीर्वचन प्रदान करते हैं हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा - जीवन निर्माण में ज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान है।
ज्ञान जीवन का श्रृंगार है। ज्ञान जलती हुई मशाल है, ज्ञान विश्व के समस्त पदार्थों को प्रकाशित करता है। जैसे अग्नि ईंधन को भस्म करती है उसी प्रकार ज्ञान रूपी अग्नि कर्मों का क्षय करती है।
ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है, अधूरा जीवन खतरनाक होता है इसलिए ज्ञान की आराधना करनी चाहिए। ज्ञान के विकास के लिए प्रतियोगिताएं कराई जाती है। कौन बनेगा ज्ञानवान कार्यक्रम बहुत ही रोचक, सरस और ज्ञानवर्धक है। मुनि कुणाल कुमार जी के सुमधुर गीत के संगान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभिक संचालन संयोजक मोहित नाहटा ने किया। स्वागत भाषण तेयुप अध्यक्ष गगनदीप बैद ने दिया। आभार ज्ञापन संयोजक जय प्रकाश बांठीया ने किया। कौन बनेगा ज्ञानवान कार्यक्रम को हॉस्ट अध्यक्ष गगन दीप बैद एवं संयोजक प्रवीण बैंगानी, मोहित नाहटा ने किया। कौन बनेगा ज्ञानवान में ज्ञानवान बने दो प्रतियोगियों सुशील बाफना एवं सुकुमाल श्यामसुखा को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के प्रायोजक संदीप - जीतेन्द्र चोपड़ा परिवार का तेयुप द्वारा सम्मान किया गया।