साध्वी धैर्यप्रभाजी की गुणानुवाद सभा

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साध्वी धैर्यप्रभाजी की गुणानुवाद सभा

माधावरम्। साध्वी धैर्यप्रभाजी की स्मृति सभा को संबोधित करते हुए डॉ. साध्वी गवेषणाश्रीजी ने कहा कि साध्वी धैर्यप्रभाजी सहज, सरल साध्वी थी। आपका बचपन चैन्नई महानगर के छल्लाणी परिकर में बीता और यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही बोहरा परिवार की पुत्रवधू बन गयी। संसार में रहते हुए भी आप कमल की तरह निर्लिप्त रही। इसी का परिणाम था कि आप संसार का विराट वैभव छोड़कर पूरे परिवार सहित संयम की राह पर चल पड़ी। आपकी वैराग्य भावना प्रबल थी, साधना निर्मल थी, आपके जीवन की सबसे बड़ी विशेषता थी- आपने चैन्नई में ही जन्म, शिक्षा, शादी और दीक्षा ग्रहण की। जिनके करकमलों से दीक्षा ली, उन्हीं के चरणों में 46 दिन की तपस्या में डायमंड सिटी सूरत में महाप्रयाण को प्राप्त हो गये। सिंहवृत्ति से संयम धारण किया और सिंहवृत्ति से ही उसका पालन किया। आप समता की प्रतिमूर्ति थी।
गुणानुवाद सभा के अन्तर्गत सभी साध्वियों ने सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की। छल्लाणी परिवार की बहु एवं बेटियां, चांदनी छल्लाणी, अनुकृति छल्लाणी ने भी विचार रखे। संपूर्ण तेरापंथ समाज व संस्थाओं की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए माधावरम ट्रस्ट के अध्यक्ष घीसूलाल बोहरा ने विचार रखे। महासभा आंचलिक संयोजक ज्ञानचंद आंचलिया ने साध्वीश्री के व्यक्तित्व और कर्तृत्व पर प्रकाश डाला। छल्लाणी और बोहरा परिवार ने भावांजलि अर्पित की।