जीवन धन्य बणायो, धैर्यप्रभा नाम कमायो
जीवन धन्य बणायो, धैर्यप्रभा नाम कमायो।
अजब वीरता, गजब धीरता, जबरो काम करायो।।
सम्पतराजजी कांताबाई री, थी सुपुत्री लाडली,
पुष्पलता छल्लाणी परिकर में, अति निराली।
बोहरा कुल री पुत्रवधू बन, गजब इतिहास रचायो।।
दृढ मनोबली साहस हिम्मत की उत्तम सहनाणी,
समता मृदुता आत्मशक्ति की, थी अजय कहाणी।
तप जप की आराधिका बन, फैलायो नव उजियारो।।
महाश्रमण रे करकमलां स्यूं, संयम धन थे पायो,
सौभागी बन बां चरणां में ही, बेड़ो पार लगायो।
संयम जीवन पर स्वर्णिम, सुन्दर कलश चढ़ायो।।
लय - संयममय जीवन हो