संथारा साधिका साध्वीश्री रतनश्रीजी की गुणानुवाद सभा का आयोजन

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संथारा साधिका साध्वीश्री रतनश्रीजी की गुणानुवाद सभा का आयोजन

'शासनश्री' साध्वीश्री रतनश्रीजी की गुणानुवाद सभा का आयोजन महाप्रज्ञ भवन महरौली में 'शासनश्री' साध्वी सुव्रताजी के सान्निध्य में समायोजित किया गया। साध्वीश्री ने कहा - मुझे दीक्षित हुए 68 वर्ष होने वाले हैं, मैं 18 वर्ष तक 'शासनश्री' साध्वीश्री विनयश्रीजी 'बड़े' के ग्रुप में रही, 50 वर्ष आपके ग्रुप में रही। मैंने अनुभव किया वे स्वयं आचारनिष्ठ तो थी पर हम साध्वियों को समय-समय पर संयम साधना में जागरूक रहने की प्रेरणा देती रहती थी। बात-बात में गुरुनिष्ठा, संघनिष्ठा अभिव्यक्त करती रहती थी। लगभग प्रवचन आगमाधारित एवं आचार्यों के जीवनाधारित -जैसे डालिम चारित्र, माणक महिमा, कालूयशोविलास आदि से सम्बंधित होता था।
आपका जीवन अनेकानेक विशेषताओ का संग्रहालय था। मुझे कहते हुए गौरव की अनुभूति होती है कि मुझे तेरापंथ धर्म संघ जैसा प्राणवान धर्म संघ मिला। आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ एवं आचार्य श्री महाश्रमण जैसे गुरुओं की छत्रछाया में रहने का सौभाग्य मिला। इसके साथ-साथ मेरी ज्येष्ठा भगिनी साध्वी रतनश्रीजी की पुनीत सन्निधि में यत्किंचित उनकी सेवा करने का सुअवसर मिला।
'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभा जी, साध्वी कार्तिकप्रभाजी, साध्वी चिन्तनप्रभाजी ने साध्वीश्री के प्रति अपने श्रद्धा सुमन समर्पित किये। दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, दक्षिण दिल्ली सभा अध्यक्ष सुशील पटावरी, महिला मंडल से वर्षा बैंगानी, अणुव्रत न्यास से के.सी. जैन, महासभा उपाध्यक्ष संजय खटेड़, अणुविभा से तेजकरण सुराणा, विकास परिषद से मांगीलाल सेठिया, संपतमल नाहटा, तेयुप दिल्ली से मुदित लोढ़ा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली सभा महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया।