‘कर लो दर्शन, भजन भिक्षु के’ प्रतियोगिता का आयोजन

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‘कर लो दर्शन, भजन भिक्षु के’ प्रतियोगिता का आयोजन

मुनि प्रशांतकुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में 'कर लो दर्शन भिक्षु के, कर लो भजन भिक्षु के’ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जनसभा को संबोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा- स्वाध्याय करते रहना चाहिए। स्वाध्याय ज्ञान विकास का बहुत बड़ा माध्यम है, इससे इतिहास की जानकारी बढ़ती है। तेरापंथ का इतिहास बहुत सुंदर एवं रोचक पुस्तक है।
आचार्यों एवं श्रावकों का जीवन दर्शन बहुत प्रेरणा देता है। कार्यक्रम हमारे विकास का माध्यम बनता है। व्यक्ति के जीवन में ज्ञान को विकसित करने के लिए ज्ञान प्राप्ति का लक्ष्य होना जरूरी है। श्रावक समाज में ज्ञान का मनोभाव विकसित होता रहे। चातुर्मास में कार्यक्रम, प्रतियोगिता होती रहती है। कार्यक्रम के संयोजक महक दुगड़ ने बताया- मुनि कुमुदकुमार जी एवं संयम छाजेड़ ने कार्यक्रम को संचालित करते हुए दो राउंड में कार्यक्रम को पूर्ण किया। जैन इतिहास, तेरापंथ इतिहास, तत्वज्ञान, सामान्य ज्ञान के प्रश्न परिषद् से रोचक तरीके से पूछे गए। तेरापंथ युवक परिषद् के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तेयुप मंत्री पंकज सेठिया ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत की। संगठन मंत्री अंकुश महनोत ने आभार व्यक्त किया। समय पालक की भूमिका अनन्त छाजेड़ ने पूर्ण की।