अणुव्रत प्रकाश स्तम्भ की तरह मानव मात्र की सुरक्षा करता है

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अणुव्रत प्रकाश स्तम्भ की तरह मानव मात्र की सुरक्षा करता है

डा. दुर्गाबाई देशमुख मेमोरियल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के सैंकड़ो बच्चों के बीच साध्वी डॉ. कुन्दन रेखा जी के सान्निध्य में व्यक्तित्व एवं राष्ट्रीय निर्माण में अणुव्रत की भूमिका विषय पर एक वृहद् संगोष्ठी व्याख्यानमाला अणुव्रत समिति ट्रस्ट दिल्ली द्वारा अणुव्रत भवन में आयोजित की गई। समिति के कोषाध्यक्ष विनोद चोरडिया, संगठन मंत्री राजीव महनोत, मनीष महनोत, मंजू बाँठिया ने अणुव्रत गीत का संगान करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अणुव्रत महासमिति के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल गोलछा ने अणुव्रत आचार सहिंता का वाचन के साथ पूरे सदन से उच्चारित भी करवाया। दिल्ली समिति अध्यक्ष मनोज बरमेचा ने सबका स्वागत किया। रमेश कांडपाल द्वारा कराये गये जीवन विज्ञान के प्रयोग प्रभावकारी रहे। साध्वी डॉ. कुन्दन रेखा जी ने कहा अणुव्रत एक ऐसा प्रकाश है, जो जन्म जन्मान्तर से जमे अंधकार को दूर करता है। अणुव्रत जाति, लिंग, भेद, रंग से उपरत रहकर मानव को मानव बनाता है। छोटे-छोटे नियमों से सजा ये आन्दोलन मानवीय मूल्यों को स्थायित्व देता है।
वर्तमान युग हिंसा, आंतक, भ्रष्टाचार का युग है। ऐसे माहौल में प्रकाश स्तम्भ की तरह अणुव्रत मानव मात्र की सुरक्षा करता है। फिसलन भरे रास्तों को सही कर चलना सिखाता है। अणुव्रत अनुशास्ता गुरुदेव तुलसी का ये अवदान दुनिया के हर इंसान के लिए वरदान बन रहा है। आचार्य महाश्रमण के पावन निर्देशन से अणुव्रत समितियाँ इस मिशन को आगे बढ़ा रही है। एसीसी कांटेस्ट की सम्पूर्ण जानकारी केन्द्रीय संयोजक चन्द्र कांत कोठारी ने शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत की। ‘शासनश्री’ साध्वी रतनश्री जी की आत्मा की आध्यात्मिक मंगल कामना हेतु बच्चों सहित 2 मिनट का ध्यान कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर साध्वी कल्याणयशा जी ने स्वरचित गीत का संगान किया। मंच संचालन समिति के मंत्री राजेश बैंगानी ने किया। शिक्षिका अनिका ने ‘चैत्य पुरुष जग जाये’ गीत का मधुर संगान किया।