गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के 111वें जन्मदिवस पर विविध कार्यक्रम
साध्वी डॉ. पीयूषप्रभा जी के सान्निध्य में राष्ट्रसंत आचार्य श्री तुलसी का जन्म दिवस 'अणुव्रत दिवस' के रूप में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा पालघर द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर साध्वी श्री ने कहा- बीसवीं सदी के अलोकपुंज व्यक्तित्व का नाम है आचार्य श्री तुलसी। वे मानवता की धरती पर जीवन मूल्यों में विश्वास रखने वाले जन-जन की आस्था के केंद्र थे तो आधुनिका से भी परहेज नहीं करते थे। वे अलबेले योगी, संत, फकीर, प्रशासक, साहित्यकार, संगीतकार व प्रवचनकार थे। साध्वी भावनाश्रीजी ने कहा कि गुरुदेव श्री तुलसी ने मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना एवं चारित्रिक मूल्यों के उन्नयन के लिए अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया। अणुव्रत केवल आचार संहिता ही नहीं अपितु पूरा जीवन दर्शन है, धर्म और व्यवहार का सेतु है। साध्वी सुधाकुमारी जी ने गीत का संगान किया। साध्वी दीप्तियशा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी दिव्य दृष्टि से सम्पन्न थे। वे चुंबकीय व्यक्तित्व के धनी थे। मंगलाचरण शांतिलाल सिंघवी ने सुमधुर गीतिका द्वारा किया। इस अवसर पर सभा के मंत्री दिनेश राठौड़, सभा परामर्शक खेलीलाल बदामिया, ज्ञानशाला प्रभारी राकेश श्रीश्रीमाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी दीप्तियशा जी ने किया।