गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के 111वें जन्मदिवस पर विविध कार्यक्रम
मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में राष्ट्रसंत आचार्यश्री तुलसी का 111वां जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में प्रेक्षा विहार में साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित किया गया। मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा- बीसवीं सदी के आलोक पुंज व्यक्तित्व का नाम है - आचार्य श्री तुलसी। वे मानवता की धरती पर जीवन-मूल्यों की फसल उगाने वाले एक दिव्य दृष्टि सम्पन्न महामानव थे। वे नैतिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले लाखों लोगों की आस्था के केन्द्र थे। वे गति, ऊर्जा, प्रकाश के पर्याय थे। उन्होंने अणुव्रत सूत्रपात कर मानव जाति को नई दिशा दी। वे साहित्यकार, प्रवचनकार, संगीतकार और कुशल प्रशासक थे। मुनिश्री ने आगे कहा उनके जीवन में अनेक उतार चढाव आए। फिर भी उन्होंने स्वस्थ व संतुलित जीवन जिया और तेरापंथ धर्मसंघ को समृद्ध बनाया। इस अवसर पर मुनि परमानंद जी ने कहा अणुव्रत आंदोलन के द्वारा आचार्यश्री तुलसी ने इंसान की इंसानियत को बढ़ावा दिया, लाखों लोगों का उद्धार किया। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के उपाध्यक्ष प्रतापचंद्र दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत बाफणा ने स्वागत भाषण दिया। संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। आभार ज्ञापन मंत्री बसंत पटावरी ने किया।