गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के 111वें जन्मदिवस पर विविध कार्यक्रम

संस्थाएं

गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के 111वें जन्मदिवस पर विविध कार्यक्रम

मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में आचार्य श्री तुलसी का 111वां जन्म दिवस 'अणुव्रत दिवस' के रूप में मनाया गया। जनसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा- आचार्य श्री तुलसी ने धर्मसंघ का बहुत विकास किया। कितने-कितने अवदानों से मानव जाति का विकास किया। उन्होंने अध्यात्म एवं नैतिकता के जगत में अनूठे कार्य किए। शिक्षा और साधना पर जोर दिया। साधु-साध्वियों की प्रवचनशैली, संगीत कला, लेखन कला की ओर सलक्ष्य प्रयास करते गए। वे जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर कार्य करते गए। श्रावक-श्राविकाओं को अणुव्रत आंदोलन के कार्यों में लगाकर प्रोत्साहन के द्वारा संघ के सैकड़ों श्रावक कार्यकर्ताओं को तैयार किया। प्रेरणा, प्रगति एवं पुरुषार्थ के द्वारा समाज एवं राष्ट्र के विकास के रास्ते खोल दिए। देश-विदेश तक अहिंसा, अनेकांत, अपरिग्रह, अणुव्रत-प्रेक्षाध्यान को जनव्यापक बनाया। सामाजिक, पारिवारिक एवं राष्ट्र की समस्या का समाधान अपने अवदान-साहित्य के माध्यम से दिया। वे कहते थे धर्म आचरण का तत्व है, पहनने-ओढ़ने का वस्त्र नहीं कि जब चाहा तब धारण किया एवं उतार दिया। उनका व्यक्तित्व विराट था। अपेक्षा है कि उनका जीवन दर्शन जनमानस तक पहुंचे, जिसके परिमाणस्वरूप संघ-समाज का सुधार हो सके। मुनि कुमुद कुमारजी ने कहा- आचार्य श्री तुलसी ने अपने जीवन काल में मानव जाति के उत्थान के अनेक कार्य किए। वे केवल उपदेश देते ही नहीं थे अपितु उसे आत्मसात भी करते थे। 'निज पर शासन फिर अनुशासन' का नारा देकर व्यक्ति को भीतर से जागृत किया। स्वयं जागरूकता से आत्मसाधना करते हुए समाज को भी जीवंत प्रेरणा दी। उन्होंने प्रशंसा नहीं, प्रस्तुति को महत्व दिया। गुणगान-प्रशंसा से नहीं, कार्यों से आचार्य श्री तुलसी को भावांजलि अर्पित करें। मुख्य अतिथि चंद्रशेखर चौबे ने कहा- मैं आश्चर्यचकित हूं इतने बड़े आचार्य, समाज सुधारक जिनका व्यक्तित्व, कर्तृत्व, अवदान, चिंतन को विद्यालय, विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से क्यों नहीं जोड़ा गया। हमें उनके विचारों पर चलना होगा। कार्यक्रम का शुभारंभ अणुव्रत समिति की महिला सदस्यों द्वारा मंगलाचरण से हुआ। महिला मंडल से उपाध्यक्ष सुनीता गुजरानी, अणुव्रत समिति मंत्री संजय चौरड़िया, तेयुप अध्यक्ष सतीश कुमार भादानी, सभा अध्यक्ष बाबूलाल सुराणा, महासभा उपाध्यक्ष विजय कुमार चोपड़ा, सभा पदाधिकारी, दिलीप दुगड़, विजयराज डोसी ने विचारों की अभिव्यक्ति गीत एवं वक्तव्य के माध्यम से दी। आभार अणुव्रत समिति के कोषाध्यक्ष अजय भंसाली ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि कुमुद कुमार जी ने किया।