
मंगल भावना कार्यक्रम
साध्वी संयमलता जी ठाणा 4 का मंगल भावना कार्यक्रम स्थानीय भवन में रखा गया। कार्यक्रम की शुरुआत तेरापंथ महिला मंडल, हासन की बहनों की मंगल भावना गीतिका से हुई। साध्वी रौनकश्री जी ने हासन को साताकारी क्षेत्र बताते हुए कहा कि भवन अच्छा है तो गतिविधि भी होती रहनी चाहिए। भवन में गतिविधियां हो तो सभी को आकर सामायिक करनी चाहिए। नियमित कार्यक्रम करें ताकि भवन और श्रावक खिले रहें। साध्वी मार्दवश्री जी ने कहा कि हमारे आने के साथ साल का समापन हुआ और नए साल की शुरुआत भी। यहाँ पूरे साल साधु-संतों का आवागमन होता रहे तो ऊर्जा बनी रहेगी। साध्वी संयमलता जी ने कहा कि मंगल भावना पर विदाई की जगह बधाई दी जानी चाहिए। संक्रान्ति का मतलब है परिवर्तन और परिवर्तन संसार का नियम है, क्योंकि हम कोई भी अच्छा कार्य करते हैं तो बधाई देते हैं, आगमन से जो धर्म आराधना हुई है तो इसकी बधाई देते हुए इसकी खुशी मनानी चाहिए। साध्वीश्री ने कहा कि हम जो अच्छा कार्य करता है उसे अप्रिशिएट करते हैं। किसी को अप्रिशिएट करना और तारीफ करना दो अलग-अलग बातें हैं। प्रोत्साहित करने से मनुष्य में आगे बढ़ने की इच्छा जागृत रहती है, और तारीफ करने से उसका विकास रुक जाता है, इस क्षेत्र के लोग सहयोगी हैं। भवन मे शनिवार की सामायिक करें, धम्म जागरण करें तो भवन ऊर्जावान रहेगा। साध्वीश्री ने सभी श्रावकों से खमतखामणा किया। इससे पहले हासन तेरापंथ महिल मंडल मंत्री पिंकी गुलगुलिया, मलनाड अध्यक्ष महावीर भंसाली, हासन तेरापंथ सभा अध्यक्ष सोहनलाल तातेड, अणुव्रत समिति अध्यक्ष चांदमल सुराणा, पूर्व अध्यक्ष डॉ जयंतीलाल कोठारी, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष नितेश सुराणा, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका ममता कोठारी, हेमराज आशोरिया ने अपने-अपने विचार रखते हुए सभी साध्वियों से खमतखामणा किया। कार्यक्रम के अंत में गुरुदेव की रास्ते की सेवा कर आए बच्चों एवं बेंगलुरु में हुए शिविर में भाग लेने वाले बच्चों को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। सभा मंत्री विमल कोठारी ने आभार ज्ञापन किया। समापन साध्वीश्री के मंगल पाठ के साथ हुआ।