
प्रेक्षा प्रवाह कार्यशाला का आयोजन
अभातेममं के तत्वावधान में साध्वी रतिप्रभाजी ठाणा 4 के सान्निध्य में प्रेक्षा फाउंडेशन के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल जसोल द्वारा प्रेक्षा प्रवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। अध्यक्ष कंचनदेवी ढेलडिया ने सभी का स्वागत किया और कार्यशाला की जानकारी दी। साध्वी रतिप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के आभारी हैं जिन्होंने हमें प्रेक्षाध्यान दिया। गुरुदेव कहा करते थे चिंता व्यक्ति को चिता पर ले जाती है।
आज के इस माहौल में व्यक्ति को टेंशन के कारण छोटी उम्र में ही हार्ट अटैक, डिप्रेशन, बीपी, शुगर जैसी बीमारियां घर कर जाती है और व्यक्ति को छोटी उम्र में टेबलेट का सहारा लेना पड़ता है और कइयों की मौत भी हो जाती है। इन सब से बचने के लिए सभी को श्वास प्रेक्षा, प्रेक्षा ध्यान एवं कायोत्सर्ग का प्रयोग करना चाहिए। साध्वी मनोज्ञयशाजी ने प्रेक्षाध्यान के बारे में बताते हुए कहा कि ध्यान बहुत ही पुराना विषय है, जिस के बारे में वेद और पुराणों में भी जानकारी प्राप्त होती है। ध्यान अपने से अपने की मुलाकात का माध्यम है। ध्यान में गहराई तक जाने वाले अपने पिछले जन्म की जानकारी भी कर लेते है। साध्वी कलाप्रभाजी ने ध्यान के बारे बताते हुए कहा कि प्रसन्नचंद्र राजर्षि ध्यान में ही 7 वीं नरक से सभी देवलोक पार करते हुए सिद्ध बुद्ध मुक्त हो गए। साध्वी वृंद ने सभी बहनों को प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करवाया। कार्यशाला का सफल संचालन मंत्री अरुणा डोसी ने किया और आभार ज्ञापन पूर्व अध्यक्ष फेनादेवी भंसाली ने किया।