
मर्यादाओं का पालन करने वाला होता है बड़ा
साध्वी उदितयशा जी ठाणा - 4 के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में 161वां मर्यादा महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नवकार महामंत्र से हुई। साध्वीश्री ने मर्यादा की परिभाषा का उल्लेख करते हुए कहा कि मर्यादा सिर्फ साधु-संतों के लिए ही नहीं, श्रावक समाज के लिए भी होती है। गुरुदेव जब हमें लम्बा विहार देते हैं तो गुरुदेव को ये पता है कि उनके श्रावक धर्म के प्रति कितने समर्पित हैं। साध्वीश्री ने उपस्थित जनता से प्रश्न किया - मर्यादा बड़ी या इसको बनाने वाला बड़ा या इसका पालन करने वाला बड़ा ? साध्वीश्री ने एक कहानी के माध्यम से समझाया कि जो मर्यादाओं का पालन करता है वह बड़ा होता है। जो मर्यादा का उल्लंघन करता है उसका समाज और राष्ट्र में कोई अस्तित्व नहीं होता। इससे पहले सभा अध्यक्ष सोहनलाल तातेड ने सभी का स्वागत किया। साध्वी संगीतप्रभाजी, साध्वी भव्ययशाजी एवं साध्वी शिक्षाप्रभा जी ने गीत के माध्यम से आचार्य भिक्षु की मर्यादाओं का उल्लेख किया। हासन तेरापंथ सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, चन्नरायपटना, बैंगलोर, होलेनरसीपुरा तथा आसपास के क्षेत्रों से श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही। साध्वी संगीतप्रभाजी ने कार्यक्रम का सुन्दर संचालन किया।