
संविधान छोटा है किन्तु गुणवत्ता की दृष्टि से बहुत बड़ा है
तेरापंथ धर्मसंघ का अद्वितीय मर्यादा महोत्सव आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी गुप्तिप्रभाजी के सान्निध्य में मनाया गया। साध्वीश्री ने इस अवसर पर कहा- आत्मानुशासन के आसन में विराजकर आचार्य भिक्षु ने एक ऐसा शाश्वत चिराग जलाया, जो संघ को सदियों तक प्रकाश देगा, एक सपना देखा संकल्प का, एक मंजिल जिसे उन्होंने पाया। वह दीप था प्रबल पुरुषार्थ का, वह सपना संजोया था जिनवाणी के आधार पर शुद्ध साधुत्व के पालन का, सत्य के साक्षात्कार का और वह मंजिल थी अर्न्तमुखता की। आचार्य भिक्षु के मर्यादा अनुशासन की व्याख्या करते हुए साध्वी श्री ने आगे कहा कि उन्होंने मंजिल पाने के लिए अभावों को गले लगाया, संघर्षों को झेला एवं सहनशीलता को प्रवर्द्धमान किया। तेरापंथ धर्मसंघ का संविधान छोटा है किन्तु गुणवत्ता की दृष्टि से बहुत बड़ा है।
साध्वी कुसुमलता जी ने कहा संस्कृति में रहने वाला अपने संस्कारों में, मर्यादा में रह सकता है, प्रकृति में रहने वाला विकृति में नहीं जाता। साध्वी मौलिकयशा जी एवं साध्वी भावितयशा जी ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथ के मर्यादा और अनुशासन की यशोगाथा को तेयुप अध्यक्ष मनीष सुराणा, बालचन्द बेताला, तेरापंथ महिला मण्डल मकराना ने अभिव्यक्त किया। तेरापंथ महिला मंडल बोरावड़, तेरापंथ कन्या मंडल ने तेरापंथ की अनुशासना और तेरापंथ की मर्यादा की शानदार प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला एवं कन्या मण्डल द्वारा ‘मर्यादा महोत्सव का संदेश संघ को’ की सुन्दर प्रस्तुति हुई। तेरापंथी सभा अध्यक्ष नेमीचन्द गेलड़ा ने स्वागत भाषण एवं मर्यादा के महत्त्व पर प्रकाश डाला। सभा मंत्री गजेन्द्र बोथरा ने आगन्तुकों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम में मंच संचालन साध्वी मौलिकयशा जी, साध्वी भावितयशा जी ने किया। रात्रिकालीन भिक्षु-भजन मण्डली द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया।