2624वें भगवान महावीर जन्म कल्याणक पर श्रद्धासक्ति कार्यक्रम

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उत्तर हावड़ा

2624वें भगवान महावीर जन्म कल्याणक पर श्रद्धासक्ति कार्यक्रम

मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में महावीर जयंती के अवसर पर "एक शाम महावीर के नाम" भव्य भजन संध्या का सफल आयोजन उत्तर हावड़ा स्थित श्रीराम वाटिका में किया गया, जिसमें मुख्य संगायक के रूप में सूरत से पधारे नीलेश बाफणा ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर मुनि जिनेशकुमार जी ने प्रभु भजनों का संगान करते हुए अपने उद्बोधन में कहा - “भगवान महावीर भारतीय संस्कृति के उज्ज्वल नक्षत्र थे। वे ज्योतिर्धर पुरुष और अतीन्द्रिय चेतना के धनी थे। वे अपने युग के अप्रतिम और निर्भीक पुरुष थे। उनका जीवन संयम, साधना और समता से अनुप्राणित था। साढ़े बारह वर्ष तक सजग साधना करते हुए, भीषण उपसर्गों और परीषहों को जीतकर समता की उत्कृष्ट स्थिति प्राप्त कर वे तीर्थंकर महावीर बन गए। प्रभु महावीर ने जगत को अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह का संदेश दिया। उनके सिद्धांतों में आज के समय की अनेक समस्याओं का समाधान निहित है।” मुनि कुणाल कुमार जी ने भी सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। मुख्य संगायक नीलेश बाफणा ने एक के बाद एक प्रभावशाली भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के मंत्री प्रवीण कुमार सिंघी ने दिया। इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ कन्या मंडल, राजेंद्र पींचा, डॉ. अरिहंत सिंघी ने भी प्रभु महावीर के प्रति अपनी श्रद्धा भावपूर्वक प्रस्तुतियों के माध्यम से व्यक्त की। आभार ज्ञापन महावीर दुगड़ ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन पूर्व मंत्री सुरेंद्र बोथरा ने किया। कार्यक्रम के विशिष्ट सहयोगी जतनलाल आनंद पारख एवं जुगल किशोर पवन कृष बोथरा का सभा द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम संयोजक सुरेंद्र बोथरा और मनोज बैद थे, जबकि श्रीराम वाटिका की समस्त व्यवस्था संदीप कुमार डागा की देखरेख में संपन्न हुई। कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।