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नवम मासिक प्रेक्षाध्यान शिविर संपन्न
आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान में प्रेक्षा कल्याण वर्ष के अंतर्गत नवम मासिक प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन मुनि धर्मेशकुमार जी के नमस्कार महामंत्र के साथ प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेक्षाध्यान गीत के संगान से हुई, जिसके पश्चात संस्थान के अध्यक्ष निर्मल कुमार श्रीश्रीमाल ने सभी साधकों का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। मुनि धर्मेशकुमारजी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा - साधना का मूल उद्देश्य है मोक्ष की प्राप्ति। निरंतर प्रयासरत व्यक्ति चाहे धीमी गति से चले, पर यदि वह रुके नहीं तो अंततः मंजिल तक अवश्य पहुंचता है।
मुनि चैतन्य कुमार जी 'अमन' ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा - स्वयं को जानने और देखने की एक विशेष विधा है — ध्यान साधना। आज का मानव दूसरों की त्रुटियां देखने में व्यस्त है, जबकि आत्म-विकास के लिए आवश्यक है कि वह अपनी कमियों को पहचानकर उन्हें दूर करे। यही मार्ग उसे आत्मा से परमात्मा बनने की दिशा में ले जाता है। मुनि सुविधिकुमार ने भी उपस्थित साधकों को प्रेरणा प्रदान की। इस अवसर पर दीक्षार्थी बहन भावना बाफना और विनु सकलेचा ने अपने विचार प्रस्तुत किए। संस्थान की ओर से अध्यक्ष निर्मल श्रीश्रीमाल एवं उपाध्यक्ष उत्तमचंद सुखलेचा द्वारा दीक्षार्थी बहनों का अभिनंदन किया गया। प्रशिक्षक पारस जैन ने भी ध्यान साधना की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण उत्तमचंद संकलेचा ने दिया। आभार ज्ञापन हनुमानमल बरड़िया द्वारा किया गया।