तुम ही हो गण सर्वेश्वर

रचनाएं

साध्वी अणिमाश्री, साध्वी सुधाप्रभा

तुम ही हो गण सर्वेश्वर

शासन दिनकर की किरणें, तुमको आज बधाए रे।
शासन के कल्पतरू का, गौरव गाएं रे।।
1. कल्पतरु की हम कलियां, जन्मोत्सव पर पुलकित हैं,
नव कोंपल, नव पल्लव आज, देखो कितने प्रमुदित हैं।
तेरी शीतल छाया में, मोद मनाएं रे।
2. संघ यशोदा का मोहन, भू पर आज आया था,
मॉं नेमा का लाडला, सबके मन को भाया था।
झूमर कुल का उजियारा, आलोक बिछाए रे।।
3. मोहन से मुनि मुदित बने, उदितोदित जीवन तेरा,
दसवें गुरुवर ने तुमको, पहनाया गण का सेहरा।
तेरी यश कीरत गाथा, नभ धरती गाए रे।।
4. अखिलेश्वर, महामंडलेश्वर, विश्वेश्वर हो परमेश्वर,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश हो, तुम ही हो गण सर्वेश्वर।
जीवन अर्पित चरणों में, भाग्य सराएं रे।।
लय : जीवन है पानी की बूंद