‘संगठन में शक्ति’ कार्यशाला का आयोजन

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लिलुआ।

‘संगठन में शक्ति’ कार्यशाला का आयोजन

मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में व्यक्तित्व विकास कार्यशाला ‘संगठन में शक्ति’ का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद् लिलुआ द्वारा तेरापंथ भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित युवा वर्ग एवं जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा– सामाजिक एवं धार्मिक चेतना के जागरण का एक सशक्त माध्यम है-संगठन। संगठन में शक्ति होती है। शक्ति शक्ति को आकर्षित करती है। शक्ति के अभाव में, दायित्व बोध के अभाव में अच्छे से अच्छा संगठन भी तिनकों की तरह बिखर जाता है। उद्देश्य और दायित्व बोध के साथ चलने वाला छोटे से छोटा संगठन भी आकाश व्यापी ऊँचाई को प्राप्त हो सकता है। तेरापंथ युवक परिषद तेरापंथ धर्मसंघ के युवाओं का संगठन है। इसके द्वारा सेवा, संस्कार व संगठन के त्रिआयामी सूत्रों पर धार्मिक एवं सामाजिक कार्य किये जाते हैं। मुनिश्री ने आगे कहा– संगठन को शक्तिशाली बनाने के लिए मैत्री, प्रमोदभावना, सामंजस्य, करुणा, सहिष्णुता, समर्पण, व्यसन मुक्ति जैसे गुणों को अपेक्षा रहती है। विचार भेद हो सकता है, मनभेद नहीं होना चाहिए। साथियों के साथ विश्वास रखें। एक दूसरे के प्रति प्रमोद भाव रखें, प्रोत्साहित करें, इससे संगठन मजबूत होगा। मुख्य वक्ता पूजा बोथरा ने एक्टिविटी के माध्यम से ‘संगठन में शक्ति’ विषय पर अपना वक्तव्य देते हुए युवा शक्ति को प्रेरणा प्रदान की। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ किशोर मंडल द्वारा विजय गीत के संगान से हुआ। स्वागत भाषण तेयुप अध्यक्ष अमित बांठिया ने दिया। कार्यक्रम का आभार एवं संचालन मंत्री जयंत घोड़ावत ने किया। कार्यशाला के प्रथम चरण में परिचय एवं जिज्ञासा समाधान का क्रम रहा। जिसमें युवाओं एवं किशोरों की जिज्ञासाओं का समाधान मुनि श्री द्वारा प्रदान किया गया।