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वर्षीतप कार्यक्रम अभिनंदन
डॉ. मुनि अमृत कुमार जी के सान्निध्य में वर्षीतप करने वाले तपस्वियों का अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित किया गया। भगवान ऋषभदेव के पारणे का वर्णन करते हुए और अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए डॉ. मुनि अमृत कुमार जी ने कहा कि वर्षीतप एक कठिन साधना है। एक दिन उपवास और एक दिन पारणा इसका मूल आधार है। मुनि उपशम कुमार जी ने अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए जीवन में तप, जप और सामायिक आराधना की प्रेरणा दी। संयम ग्रहण करने के 6 वर्ष पूर्ण होने पर उन्होंने कहा कि जीवन में अध्यात्म कि शरण रहे और आनंद और मंगल भाव रहे।
अनुशासन, संघ सेवा और समर्पण कि भावना का विकास मुझमें होता रहे। मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष निर्मल कुमार भूरा ने तप की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए तपस्वी बहनों के प्रति मंगल कामना व्यक्त की। वर्षीतप करने वाली बहनों के प्रति महिला मंडल और युवक परिषद ने सुमधुर गीतिका का संगान किया। सभा के पूर्व अध्यक्ष इन्द्र चन्द बैद कवि, उपासक प्रकाश चन्द्र पारख, सभा मंत्री मनोज घीया, उपाध्यक्ष महावीर नाहटा, सुशील कुमार भूरा, महिला मंडल अध्यक्ष सुमन मरोठी ने तप का महत्व बताते हुए तपस्वियों का परिचय दिया एवं अभिनंदन पत्र का वाचन किया।कुशल संचालन उपासक अनुराग बैद ने किया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्तियों कि उपस्थिति रही एवं वर्षीतप करने वाली बहनों का साहित्य द्वारा सम्मान हुलासमल डागा द्वारा किया गया।