अक्षय तृतीया एवं वर्षीतप अभिनंदन समारोह

गुरुवाणी/ केन्द्र

लाडनूं।

अक्षय तृतीया एवं वर्षीतप अभिनंदन समारोह

‘शासनगौरव’ साध्वी कल्पलता जी एवं वृद्ध सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कार्तिकयशा जी के सान्निध्य में सेवा केंद्र में अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर मूल ठिकाने में विराजित साध्वी शीलवती जी के 32वें वर्षीतप परिसम्पन्नता के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। ‘शासनगौरव’ साध्वी कल्पलता जी ने नमस्कार महामंत्र के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। साध्वी शीलवती जी के लिए साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन साध्वी कल्पलता जी ने किया। जैन विश्व भारती संचालिका समिति सदस्य राजेंद्र खटेड़, तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष महेंद्र बाफना, उपासिका डॉ. सुशीला बाफना, अणुव्रत समिति संरक्षक शांतिलाल बैद, तेरापंथ सभा पूर्व अध्यक्ष सुपारस बैद, ज्ञानशाला से नीति खटेड़ ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वियों एवं समणियों की सामूहिक गीतिका से सेवा केंद्र गुंजायमान हो गया। साध्वी कंचनरेखा जी एवं समणी मंजुलप्रज्ञा जी ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी कार्तिकयशा जी ने कहा– “जब हमें शरीर मिला है तो हमें तप करके कर्मों का नाश करना चाहिए।
अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही पावन है, आज के दिन ही भगवान ऋषभ प्रभु का पारणा हुआ एवं तेरापंथ के द्वितीय आचार्य भारीमल जी का जन्म हुआ।” शासनगौरव साध्वी कल्पलता जी ने कहा कि साध्वी शीलवती जी में अपने मां के संस्कार हैं। आपकी माताश्री भी बहुत तपस्या करती थीं। चर्तुविध धर्म संघ ने आपके वर्षीतप की आध्यात्मिक अनुमोदना की। संचालन साध्वी युक्तिप्रभा जी ने किया।