प्रेक्षा ध्यान, जीवन-विज्ञान और साहित्य के महान आचार्य के 16वें महाप्रयाण दिवस पर विविध कार्यक्रम

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बालोतरा

प्रेक्षा ध्यान, जीवन-विज्ञान और साहित्य के महान आचार्य के 16वें महाप्रयाण दिवस पर विविध कार्यक्रम

तेरापंथ भवन सदर बाजार में ‘शासनश्री’ साध्वी सत्यप्रभा जी ठाणा - 4 के सान्निध्य में महान दार्शनिक आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का 16वां महाप्रयाण दिवस मनाया गया। ‘शासनश्री’ साध्वी सत्यप्रभाजी ने नमस्कार महामंत्र का उच्चारण कर कार्यक्रम प्रारंभ किया। मंगलाचरण कन्या मंडल एवं महिला मंडल द्वारा किया गया। ‘शासनश्री’ साध्वी सत्यप्रभाजी ने कहा, “आचार्य श्री महाप्रज्ञजी अलौकिक महापुरुष थे। छोटी अवस्था में संयम पथ को स्वीकार किया। आचार्य श्री तुलसी ने अपने शिष्य मुनि नथमल (महाप्रज्ञजी) को अपना उत्तराधिकारी बनाया और कहा कि संयम साधना के साथ एक नया काम करो - आत्म साक्षात्कार। उसी आत्म साक्षात्कार से प्रेक्षा ध्यान, योग साधना, जीवन विज्ञान का बड़ा कार्य किया।”
साध्वी ध्यानप्रभाजी ने कहा – आचार्य श्री महाप्रज्ञजी विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने अपने जीवन को सरलता, विनम्रता और समर्पण के भावों से जीवन जिया ओर मानव जाति को कई अवदान प्रदान किये। दीक्षार्थी मुमुक्षु प्रेक्षा बांठिया, दीक्षार्थी मुमुक्षु राजुल खटेड़ और मुमुक्षु सेजल भंडारी ने भाव प्रकट करते हुए आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के साधना काल की उपलब्धियां बताई। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष महेंद्र वैद ने महापुरुष आचार्य महाप्रज्ञ जी के गुणों को बताते हुए उनका अनुसरण करने का कहा। महिला मंडल अध्यक्षा निर्मला संकलेचा ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के विचारों व अनेक विशेषताओं को बताया। महिला मंडल द्वारा सामूहिक गीत के द्वारा आचार्य महाप्रज्ञजी को भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित की। उपासक स्वरूप दांती, गायक प्रकाश श्रीश्रीमाल, तेरापंथ युवक परिषद सह मंत्री राजेंद्र वैद ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का सफल संचालन सभा मंत्री प्रकाश वेद द्वारा किया गया।