‘चक्षुष्मान महाप्रज्ञ’ कार्यक्रम का  हुआ सफल आयोजन

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लिलुआ।

‘चक्षुष्मान महाप्रज्ञ’ कार्यक्रम का हुआ सफल आयोजन

मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी की पुण्य स्मृति में ‘चक्षुष्मान महाप्रज्ञ’ कार्यक्रम का आयोजन श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा लिलुआ द्वारा संगम हॉल में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय भूतोड़िया, मुख्य वक्ता पूजा ऋतु बोथरा (कोलाघाट) थी। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल लिलुआ के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण लिलुआ सभा के अध्यक्ष अनिल जैन ने दिया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को 'चक्षुष्मान आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के कल्याणकारी अवदान' विषय पर जन समुदाय को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी के कहा, “आचार्य श्री महाप्रज्ञ जैन शासन के चक्षुष्मान व ज्योतिर्धर पुरुष थे। उनकी ऋजुता, अप्रमत्तता, विनम्रता, प्रमोद भावना, विद्वता व सम्यक् चिन्तन से जैन समाज ही नहीं मानव जाति भी प्रभावित थी। उन्होंने सहज समर्पण, अनुशासन, विधायक भाव, निष्ठा पंचक से आचार्य श्री तुलसी के हृदय में अपना स्थान बना लिया। वे विश्व के सबसे महान संत व युगीन समस्याओं के समाधायक थे।“
मुनिश्री ने आगे कहा, “उन्होंने आगे वाले युग की समस्या तनाव से निजात दिलाने के लिए प्रेक्षाध्यान का अवदान दिया। प्रेक्षाध्यान के प्रयोगों से हजारों-हज़ारों लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने शिक्षा पद्धति के अधूरेपन ‌को दूर करने के लिए जीवन विज्ञान का अवदान दिया। उन्होंने अहिंसा यात्रा के जरिये देश में आपसी सद्भावना का वातावरण तैयार किया। उनका साहित्य पढ़ने वाले को एक नया पथदर्शन प्रदान करता है। इस अवसर पर मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत संगान किया। विशिष्ट अतिथि संजय भूतोड़िया, मुख्य वक्ता पूजा ऋतु बोथरा, युवक परिषद के मंत्री जयंत ने अपने विचार व्यक्त किये। तेरापंथी सभा के सदस्यों ने सुमधुर गीत का संगान किया। इस अवसर पर साउथ हावडा तेरापंथ कन्या मंडल ने महासती ब्राह्मी पर एक लघुनाटिका प्रस्तुत की। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री शरद लूनिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।