
संस्थाएं
दायित्व बोध कार्यशाला का आयोजन
तेरापंथ युवक परिषद द्वारा साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में दायित्व बोध कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन, डी. वी. कॉलोनी में किया गया। अध्यक्ष राहुल गोलछा ने सभी का स्वागत किया। डॉ. साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि समाज में जीने के लिए दो जीवन तत्वों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। उनमें पहला स्थान दायित्व बोध का है। हम जिस परिवेश में जाते हैं, उससे हमें जो अधिकार प्राप्त होते हैं, उनके बदले में हमें कुछ कर्तव्य निभाने होते हैं। तभी जीवन और समाज के साथ उचित तालमेल स्थापित हो सकता है। व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व — जो भी करने योग्य कार्य हैं, वे सभी दायित्व की श्रेणी में आते हैं।
हमें अपने दायित्व से विमुख नहीं होना चाहिए। प्रत्येक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता का दायित्व है कि वह अपने कर्तव्य को समझे। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि दायित्व उसी व्यक्ति के पास आता है जो जिम्मेदारी को समझता है। उपभोक्ता संस्कृति का सबसे दुखद पहलू यह है कि व्यक्ति अपने दायित्व के प्रति मौन रहता है, जबकि अधिकारों की मांग को लेकर सड़क पर नारेबाजी करता दिखाई देता है। यदि कर्तव्य के मार्ग में अधिकार अवरोध न बनें, तो स्वस्थ समाज की संरचना संभव है। साध्वी मेरुप्रभा जी ने विषय से संबंधित सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। साध्वी दक्षप्रभा जी ने युवाओं को सुस्वर से प्रेरित किया।