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अनावेश, अनाग्रह और अनासक्ति से हो सकती है तनाव मुक्ति
तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा ‘हेल्थ इज़ वेल्थ’ के अंतर्गत 'तनाव से मुक्ति – एक नई सोच' का आयोजन तेरापंथ सभा भवन, यशवंतपुर में किया गया। यह कार्यक्रम साध्वी सोमयशाजी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता जीया जैन थीं।कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ, तत्पश्चात तेरापंथ युवक परिषद्, यशवंतपुर के मंत्री अभिषेक पोखरना ने पधारी हुई ट्रेनर जीया जैन का स्वागत करते हुए उनका परिचय दिया। साध्वी डॉ. सरलयशाजी ने बताया कि जीवन की सबसे बड़ी समस्या तनाव है, जो हर उम्र के लोगों में आम है। उन्होंने तनाव के कारणों और उन्हें कम करने के उपायों के बारे में विस्तार से समझाया।
साध्वी सोमयशाजी ने बताया कि भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों से निकले तीन शब्द—अनावेश, अनाग्रह और अनासक्ति—को जीवन में अपनाने से चित्त में समाधि बनी रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘Please’, ‘Sorry’ और ‘Thanks’ इन तीन शब्दों को अपनाने से भी जीवन तनावमुक्त हो सकता है। तनाव से मुक्ति के लिए अनुप्रेक्षा का अभ्यास भी कराया गया। इसके बाद कार्यक्रम की वक्ता जीया जैन ने कहा कि तनाव की शुरुआत घर से ही होती है, आजकल घरों में लगभग सभी लोग तनाव में जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि ‘Over Information’ और ‘लोग क्या कहेंगे’ जैसी सोच भी तनाव के प्रमुख कारण हैं। तनाव को कम करने के लिए उन्होंने सरल उपाय सुझाए। कार्यक्रम में तेरापंथ अध्यक्ष धर्मेश डूंगरवाल एवं उनकी टीम, अभातेयुप साथी विनोद मुथा, सभा अध्यक्ष सुरेश बरडिया एवं उनकी टीम, महिला मंडल अध्यक्ष रेखा पितलिया एवं उनकी टीम, सभा के पूर्व अध्यक्ष गौतम मुथा, प्रकाश बाबेल तथा संपूर्ण श्रावक-श्राविका की उपस्थिति रही। मंच संचालन एवं आभार-प्रदर्शन तेयुप मंत्री अभिषेक पोखरना ने किया।