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वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन
साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में, वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद् हैदराबाद द्वारा तेरापंथ भवन, सिकंदराबाद में किया गया। साध्वीश्री द्वारा नवकार महामंत्र के उच्चारण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। भिक्षु प्रज्ञा मंडली द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। तेयुप अध्यक्ष राहुल गोलछा ने पधारे हुए श्रावक समाज का स्वागत किया। साध्वी गवेषणाश्रीजी ने समझाया कि जीवन में जब भावों की निर्मलता आती है, तभी वीतरागता का प्रकाश आत्मा में उतरता है। साध्वी वृंद द्वारा वीतरागता पर सुमधुर गीतिका का संगान किया गया। मुमुक्षु वीनू सकलेचा ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि मोक्ष के अनेक मार्ग बताए गए हैं, जिनमें से एक है भक्ति का मार्ग। मैं तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ समाज एवं साध्वीश्री जी के प्रति अनंत-अनंत कृतज्ञता व्यक्त करती हूं। यह भक्तिमय अभिनंदन समारोह हमारे लिए निर्जरा का एक महत्वपूर्ण कारण बन सकता है, क्योंकि भगवान ने करना, कराना और अनुमोदन—इन तीनों को समान महत्व दिया है। आज वीतराग पथ दिखाने वाले, वीतराग पथ पर चलने वाले और वीतराग पथ पर बढ़ाने वाले आप सबके माध्यम से हमें कर्म-निर्जरा का एक अद्भुत अवसर प्राप्त हुआ है। वीतराग पथ कार्यशाला पर सुझाव देते हुए मुमुक्षु वीनू सकलेचा ने कहा— यदि हम हर घंटे से मात्र 2 मिनट निकाल पाएं, तो पूरे दिन में 48 मिनट प्राप्त हो सकते हैं। इसलिए, मैं आप सभी से निवेदन करती हूं कि हम जहां भी रहें, किसी भी परिस्थिति में रहें, प्रतिघंटा 2 मिनट निकालकर प्रतिदिन 48 मिनट वीतरागता की दिशा में बढ़ने का प्रयास करें। संचालन विनोद दुगड़ व मंत्री नीरज सुराणा ने आभार व्यक्त किया।