सिद्ध हुया सब काम

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साध्वी सुमनश्री

सिद्ध हुया सब काम

कैसी मजबूती धारी रे, कर दियो काम कमाल।
(थांरा) फल्या मनोरथ भारी रे, सिद्ध हुया सब काम।।
1. जीवन नै घणो उजाल्यो, काया रो सार निकाल्यो,
अनशन केशर की क्यारी रे, सिद्ध हुया सब काम।।
2. सती बिदामांजी रो, जीवन अणमोलो हीरो,
जीवन नैया थे तारी जी, सिद्ध हुया सब काम।।
3. ई वय में जोश जगायो, अनशन रो कलश चढ़ायो,
आत्मा ने खूब संवारी रे, सिद्ध हुया सब काम।।
4. उज्ज्वलरेखाजी पायो, स्वर्णिम अवसर मन भायो,
सेवा रा मेवा भारी रे, सिद्ध हुया सब काम।।
5. थे गण में ख्यात बणाई, सुदीर्घजीविता पाई,
'शासन श्री' मंगलकारी रे, सिद्ध हुया सब काम।।
6. तीन-तीन गुरूवां री, पाई ऊर्जा रिझवारी,
युग महाश्रमण जयकारी रे, सिद्ध हुया सब काम।।
लय - कैसी वह कोमल काया रे