दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह

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पल्लावरम।

दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह

तेरापंथ भवन में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में, गांधीनगर (गुजरात) में आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा दीक्षित होने जा रहे प्रीत कोठारी के मंगल भावना समारोह का आयोजन तेरापंथी सभा पल्लावरम द्वारा किया गया। मुनि दीप कुमार जी ने कहा— 'प्रीत ने संयम से प्रीत लगाई है। समता और सहजता के साथ व्यक्ति वैराग्य के पथ पर आगे बढ़ सकता है। जिसमें तीव्र मुमुक्षा होती है, वही संयमी बनता है। ‘संयमः खलु जीवनम्’ उसका आदर्श होता है। संयम के पथ पर बढ़ने वालों के जीवन में सहनशीलता, पवित्रता और विनम्रता का विकास आवश्यक है।'
दीक्षार्थी को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा— 'जिस श्रद्धा और उच्च भावों से तुम दीक्षित हो रहे हो, उसी भाव से आगे भी बढ़ते रहना। सौभाग्य है कि तुम्हें ऐसा धर्म संघ और ऐसे गुरु प्राप्त हुए हैं। गुरु दृष्टि के अनुसार सदैव चलना।'
मुनि काव्य कुमार जी ने संचालन करते हुए कहा— 'मुझे प्रसन्नता है कि मेरे संसार पक्षीय होमटाउन बेंगलुरु का भाई प्रीत कोठारी दीक्षा लेने जा रहा है। माता-पिता साधुवाद के पात्र हैं, जो अपने इकलौते पुत्र को संघ को सौंप रहे हैं।' कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल की महिलाओं ने गीत का संगान किया। तेरापंथी सभा अध्यक्ष दिलीप संसाली ने स्वागत करते हुए दीक्षार्थी के प्रति मंगल भावना व्यक्त की। महिला मंडल अध्यक्षा लता गिड़िया ने भावाभिव्यक्ति दी और आशा कोठारी ने गीत प्रस्तुत किया।
दीक्षार्थी प्रीत के पिता नरेश कोठारी ने अपने भावपूर्ण उद्गार व्यक्त किए। वहीं, दीक्षार्थी प्रीत कोठारी ने अपने सौभाग्य की सराहना करते हुए कहा— 'मुझे ऐसा धर्म शासन और ऐसे धर्म गुरु प्राप्त हुए, जिनकी शरण में मैं अपने जन्मों की भव-परंपरा को संपन्न कर सिद्धश्री को प्राप्त कर सकूं।' अंत में, तेरापंथी सभा और तेरापंथ महिला मंडल पल्लावरम की ओर से दीक्षार्थी प्रीत कोठारी का साहित्य आदि के माध्यम से अभिनंदन किया गया।