चमत्कारिक स्तोत्र भक्तामर का अनुष्ठान

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धूरी-पंजाब।

चमत्कारिक स्तोत्र भक्तामर का अनुष्ठान

साध्वी कनकरेखाजी के सान्निध्य में, तेरापंथ सभा धूरी के तत्वावधान में 'भक्तामर – एक चमत्कारिक स्तोत्र' कार्यशाला का आयोजन किया गया। परमेष्ठि स्तुति के साथ कार्यक्रम का मंगलाचरण हुआ। साध्वी कनकरेखाजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भक्तामर स्तोत्र की स्तुति वास्तव में एक चमत्कारिक रहस्य है। इस रहस्य को प्राप्त करने के लिए गहरी श्रद्धा एवं समर्पण के साथ साधना करनी चाहिए। आज की तनावभरी जिंदगी में इंसान की जीवनशैली अस्त-व्यस्त हो गई है, इसे स्वस्थ बनाने के लिए इष्ट-स्तुति का प्रारंभ करें। सर्वविघ्नबाधानाशक और सर्वसिद्धिदायक यह स्तोत्र अत्यंत प्रभावशाली है। इसका प्रत्येक श्लोक अलग-अलग चमत्कारिक प्रभाव रखता है। साध्वीश्री ने सत्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए अनेक श्लोकों के लाभ बताए।
साध्वी हेमंतप्रभाजी और साध्वी संवरविभाजी ने भक्तामर अनुष्ठान से परिषद को भावविभोर कर दिया। ज्ञानशाला के बच्चों ने एक्शन के साथ भक्तामर स्तोत्र की सुंदर झांकी प्रस्तुत की, जिससे परिषद आनंदित हो उठी। सभाध्यक्ष भीमसेन ने स्वागत भाषण के साथ अपने विचार रखे। इस शानदार कार्यक्रम में धूरी, मलेरकोटला, अहमदगढ़, शेरपुर और श्रीडूंगरगढ़ से प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। भव्य प्रस्तुति और भव्य आयोजन में सभा, तेयुप, महिला मंडल, कन्या मंडल और ज्ञानशाला का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी गुणप्रेक्षाजी ने किया।