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सुदीर्घजीवी 'शासनश्री' साध्वी बिदामांजी की स्मृति सभा
साध्वी कनकरेखाजी के सान्निध्य में 'शासनश्री' साध्वी बिदामांजी की स्मृति सभा आयोजित की गई। साध्वी कनकरेखा जी ने स्मृति सभा में उद्गार व्यक्त करते हुए कहा तेरापंथ धर्मसंघ के इतिहास में नया कीर्तिमान रचने वाली 'सुदीर्घजीवी' 'शासनश्री' साध्वी बिदामांजी एक सौ सात वर्ष के रनिंग काल में अनशन स्वीकार किया। साध्वी उज्जवलरेखा जी एवं सहवर्तिनी साध्वियों को सेवा का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ। साध्वी बिदामांजी का जीवन बड़ा ही सहज था। शांत स्वभावी, सेवाभावी, दृढ़ मनोबली साध्वीश्री अपनी संयम साधना के प्रति पूर्ण जागरूक थी। मौन, जप, स्वाध्याय आदि नियमित दिनचर्या के प्रति पूर्ण सजग थी। अपने संयम जीवन पर्याय में एलोपैथिक औषधि का सदा वर्जन किया। 84 वर्ष के संयम पर्याय का अद्भूत घटना प्रसंग हमारे लिए आदर्श है। दिवंगत आत्मा आध्यात्मिक विकास के साथ शीघ्र ही मुक्तिश्री का वरण करें। स्मृति सभा के अन्तिम चरण में साध्वीवृंद एवं श्रद्धालु श्रावक समाज ने लोगस्स ध्यान के साथ श्रद्धा समर्पित की।